मॉनसून के लिहाज से यह साल काफी अच्छा रहा है. लिहाजा अनाज के बंपर पैदावार की संभावना भी बढ़ गई है. दलहन और तिलहन की अच्छी पैदावार को देखते हुए महंगाई से थोड़ी राहत मिलने की उम्मीद दिख रही है. लेकिन प्याज, चीनी और चना, इन तीनों के दाम दिनोंदिन बढ़ते जा रहे हैं.
आलम ये है की चीनी की कीमतों में जिस तेजी से इजाफा हो रहा है उसे देखते हुए माना जा रहा है कि इस बार की दीवाली फीकी हो सकती है. वहीं प्याज एक बार फिर रुलाने के लिए तैयार है. बीते साल 5000 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिका प्याज का भाव साल 2016 में 500 रुपए प्रति क्विंटल तक गिर गया. लेकिन अब प्याज के दाम एक बार फिर उछाल भरने को तैयार हैं.
फिर रुलाएगा प्याज
इस बार कम पैदावार और खराब मॉनसून प्याज कीमतों में एक बार फिर भारी उछाल ला सकता है. पिछले साल के मुकाबले इस साल प्याज की कम पैदावार हुई है.
अगस्त 2015 में प्याज की होलसेल कीमत 5700 रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गई थी. बाद में साल 2016 की शुरुआत के बाद लासलगांव में प्याज की होलसेल कीमत 650-550 रुपए प्रति क्विंटल तक रही हैं. अब किसानों के पास स्टॉक खत्म हो रहा है. स्टॉक खत्म होने के बाद बाजार में प्याज की कीमतें तेजी से बढ़ेंगी.
किचन से गायब हो जाएगा प्याज?
आने वाले महीनों में प्याज आम लोगों की किचन से गायब हो सकता है. लगातार बारिश ने गर्मी में स्टोर की गई प्याज की फसल को भी खराब कर दिया है और खरीफ की बुवाई में भी देरी हो गई है. सही वक्त पर फसल न कट पाने के चलते नासिक के बाजारों में आमतौर पर उपलब्ध होने वाली प्याज की मात्रा से कम ही रहेगी. नासिक जिला राज्य में 80 प्रतिशत प्याज की मांग को पूरी करता है और नवंबर में किसी भी तरह कि कमी इसके होलसेल और रिटेल कीमतों पर बड़ा प्रभाव डालेगी और यह असर पूरे देश में नजर आ सकता है.
चने चबाना हो सकता है महंगा
दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद और नागपुर जैसे बड़े शहरों के थोक और खुदरा बाजार में चने की दाल की कीमतों में पिछले 15 दिनों में 25 फीसदी तक की बढ़त दर्ज की गई है. दिल्ली के बाजारों में चने की सभी वैरायटी की कीमतों में भारी उछाल देखा जा रहा है. अगर बीते साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो 20 अक्टूबर 2015 से 20 अक्टूबर 2016 तक चने की कीमतों में 90 फीसदी तक की बढ़ोतरी हुई है.
- दिल्ली के नया बाजार में चना 136 रुपए प्रति किलो तक बिक रहा है. जबकि बीते साल अक्टूबर महीने में इसकी कीमत 71 रुपए प्रति किलो थी.
- अहमदाबाद में कुछ दिन पहले 950 में बिकने वाली चना दाल 10,500 से ऊपर बिक रही है.
- थोक व्यापारियों के मुताबिक चना दाल में ये तेजी अगले एक महीने तक बरकरार रहने की संभावना है.
सिर्फ थोक बाजार में ही नहीं खुदरा बाजार में भी चना दाल करीब 25 फीसदी तक महंगी हो गई है.
क्यों महंगा हुआ चना?
दीवाली नजदीक आते ही चना दाल की कीमतों में उछाल आ गया है और खुदरा बाजार में यह 132 रुपए किलो बिक रहा है. जबकि एक महीने पहले यह 90 रुपए किलो बिक रहा था. दरअसल दीवाली के समय बेसन से बनने वाली मिठाईयों के कारण चना दाल की मांग बढ़ गई है. लिहाजा, जमाखोर ज्यादा मुनाफा कमाने के लिए चने की जमाखोरी करने लगे हैं. चने की कीमतों में भारी उछाल आया है.
महंगी चीनी फीकी कर देगी आपकी दीवाली
त्योहार ने चीनी के तेवरों को भी हवा दे दी है. बीते साल के मुकाबले चीनी की कीमतों में भारी उछाल आया है. अगस्त महीने में चीनी की कीमतों में 24.75 फीसदी और सितंबर महीने में 25.77 फीसदी की बढ़त दर्ज की गई थी.
दिल्ली बाजार के आंकड़ों के मुताबिक, अक्टूबर 2015 में 31 रुपए प्रति किलो की कीमत पर बिकी चीनी अक्टूबर 2016 में 13 रुपए प्रति किलो तक पहुंच चुकी है.
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