ADVERTISEMENTREMOVE AD

खादी उद्योग के कैलेंडर-डायरी पर पीएम मोदी ने ली बापू की जगह

खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर और डायरी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गायब हो गए हैं.

Published
भारत
2 min read
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा
Hindi Female

एक चौंकाने वाले घटनाक्रम में खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर और डायरी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गायब हो गए हैं और उनकी जगह पीएम नरेंद्र मोदी ने ले ली है.

आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी देते हुए बताया कि कैलेंडर और डायरी के कवर फोटो को देखकर केवीआईसी के अधिकांश कर्मचारियों और अधिकारियों को झटका लगा. इसमें मोदी को एक बड़े से चरखे पर उसी मुद्रा में खादी बुनते देखा जा सकता है जो कभी गांधीजी की चिर-परिचित मुद्रा हुआ करती थी.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

दोनों तस्वीरों में थोड़ा फर्क है. लोगों के दिलो-दिमाग में बसी खादी बुनते हुए गांधीजी की ऐतिहासिक तस्वीर का चरखा सामान्य सा दिखता है. इसी के पास बैठकर गांधीजी अपने आधे खुले, आधे बंद शरीर के साथ चरखा चलाते देखे जा सकते हैं.

मोदी का चरखा, गांधी जी के चरखे के मुकाबले में थोड़ा माॅडर्न है और खुद मोदी अपने कुर्ता-पायजामा और सदरी में नजर आ रहे हैं.



खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) के 2017 के कैलेंडर और डायरी से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी गायब हो गए हैं.
(फोटो: IANS)

सरकारी कर्मचारियों ने किया विरोध

केवीआईसी के कर्मचारी इस नई तस्वीर से हैरत में हैं.

केवीआईसी के अध्यक्ष विनय कुमार सक्सेना से इस बारे में जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह कोई 'असामान्य बात' नहीं है. अतीत में भी ऐसे बदलाव हो चुके हैं.

पूरा खादी उद्योग ही गांधीजी के दर्शन, विचार और आदर्श पर आधारित है. वह केवीआईसी की आत्मा हैं. उनकी अनदेखी करने का तो सवाल ही नहीं उठता.
विनय कुमार सक्सेना, अध्यक्ष, केवीआईसी

उन्होंने यह भी कहा कि नरेंद्र मोदी लंबे समय से खादी पहन रहे हैं. उन्होंने खादी को आम लोगों ही नहीं, विदेशी हस्तियों के बीच भी लोकप्रिय किया है. उन्होंने खादी को पहनने की अपनी अलग स्टाइल डेवलप की है.

खामोशी से अपना विरोध जताने के लिए केवीआईसी कर्मचारी विले पार्ले स्थित आयोग के मुख्यालय में महात्मा गांधी की प्रतिमा के पास मुंह पर काली पट्टी बांधकर आधे घंटे तक बैठे रहें.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

0
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×