जलीकट्टू मामले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी लगाते हुए इस मामले में एक हफ्ते तक फैसला न लेने की अपील की है. केंद्र की इस अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने अपनी सहमति जता दी है. कोर्ट ने कहा है कि जलीकट्टू के मुद्दे पर एक सप्ताह तक किसी भी तरह का फैसला नहीं लिया जाएगा.
अध्यादेश लाएगी तमिलनाडु सरकार
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू पर रोक के खिलाफ पिछले तीन दिनों से जारी विरोध-प्रदर्शन के बीच मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने बड़ा ऐलान किया है. पनीरसेल्वम ने कहा है कि राज्य सरकार जल्लीकट्टू को लेकर जल्द ही अध्यादेश लाएगी. उन्होंने कहा कि इसका ड्राफ्ट गृह मंत्रालय को भेज दिया गया है और इसे एक दो दिन में जारी कर दिया जाएगा.
लोगों से प्रदर्शन खत्म करने की अपील
मुख्यमंत्री पनीरसेल्वम ने कहा है कि जलीकट्टू के बारे में संशोधन को लेकर संविधान विशेषज्ञों से बात की गई है. ड्राफ्ट को लेकर केंद्र के साथ बात करने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को लगाया गया है. राज्य में जल्लीकट्टू की अनुमति देने के लिए अध्यादेश पर जल्द ही फैसला हो जाएगा.
मुख्यमंत्री ने लोगों से विरोध प्रदर्शन खत्म करने की अपील की है. जल्लीकट्टू पर रोक का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इससे पहले कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर बैन लगा दिया था, जबकि मद्रास हाईकोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया था.
तमिलनाडु में जारी हैं भारी विरोध प्रदर्शन
तमिलनाडु में जल्लीकट्टू को आस्था से जोड़कर देखा जाता है. यही कारण है कि इस पर कोर्ट की ओर से लगी रोक के बाद विरोध-प्रदर्शन तेज हो गए हैं. पिछले चार दिनों से चेन्नई के मरीना बीच पर भारी संख्या में लोग जमा होकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. तमिलनाडु के अलग-अलग हिस्सों में विरोध जारी है.
राज्य में विपक्षी दल डीएमके की अगुवाई में भी जगह जगह विरोध प्रदर्शन किए जा रहे हैं. शुक्रवार को चेन्नई में डीएमके नेता स्टालिन के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं ने रेक रोककर विरोध प्रदर्शन किया.
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