महाराष्ट्र में 17 सरकारी अस्पतालों के 4 हजार रेजिडेंट डॉक्टरों के सामूहिक छुट्टी पर चले जाने से मरीजों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. मरीजों के रिश्तेदारों के लगातार बढ़ते हमलों के कारण डॉक्टरों ने विरोध जताने का यह रास्ता अपनाया है. डॉक्टरों की सामूहिक छुट्टी का मंगलवार को दूसरा दिन है.
छुट्टी की वजह से स्थिति चिंताजनक बनी हुई है. अस्पताल के बाहर मरीज इलाज के लिए डॉक्टर का इंतजार कर रहे हैं.
पिछले 15 दिनों में महाराष्ट्र में मरीजों के रिश्तेदारों द्वारा डॉक्टरों पर हमले की 5 बड़ी घटनाएं हो चुकी हैं. अब डॉक्टर प्रशासन से लोगों के हमले रोकने और सुरक्षा मुहैया कराने की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि जब तक उन्हें सुरक्षा नहीं दी जाएगी, तब तक वह काम पर नहीं लौटेंगे.
मेयर विश्वनाथ महादेश्वर ने डॉक्टरों को आश्वासन दिया कि सुरक्षा सुनिश्चित कराना स्थानीय प्रशासन की जिम्मेदारी है. इसके साथ ही उन्होंने डॉक्टरों से ड्यूटी पर लौटने की अपील की और कहा कि ऐसा न करने पर उनके खिलाफ कार्रवाई पर विचार किया जाएगा.
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