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आर्ट्स पढ़ने में शर्म कैसी?- CBSE टॉपर रक्षा गोपाल का इंटरव्यू

सीबीएसई के टॉपर्स का इंटरव्यू

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केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के रविवार को कक्षा 12वीं के नतीजे घोषित हो गए और हर बार की तरह इस बार भी लड़कों पर लड़कियां भारी पड़ी हैं, लेकिन खास बात यह कि इस बार के तीन टॉपर तीन प्रमुख संकाय- कला, विज्ञान और वाणिज्य से हैं. टॉपर रक्षा गोपाल ने खुद ह्यूमैनिटीज से पढ़ाई की है और वह कहती हैं कि कला (आर्ट्स) से पढ़ाई करने वाले छात्रों को कमजोर समझने की धारणा बदलनी होगी, क्योंकि आर्ट्स के विषय लेकर पढ़ाई करना शर्म की बात नहीं है.

नोएडा के एमिटी स्कूल की छात्रा रक्षा गोपाल ने ह्यूमैनिटीज विषय की पढ़ाई की और कक्षा 12वीं में 99.6 फीसदी अंक हासिल किए. रक्षा के तीन विषयों में 100 अंक हैं. उन्हें पांच विषयों में 500 में से 498 अंक मिले हैं.

रक्षा ने उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता और शिक्षकों को देते हुए कहती हैं, "बड़ों के मार्गदर्शन के बिना यह संभव नहीं है. मेरे माता-पिता और शिक्षकों ने पूरा सहयोग दिया है."

आर्ट्स पढ़ने में शर्म कैसी?

वह आर्ट्स से पढ़ाई करने वाले छात्रों को कमतर आंकने के व्यवहार के बारे में पूछने पर कहती हैं, "हां, ये सच है कि साइंस और कॉमर्स की तुलना में आर्ट्स को तवज्जो नहीं दी जाती, यह सोच बदलने की जरूरत है. इस स्ट्रीम के विषय बहुत दिलचस्प होते हैं’’

वह बताती हैं, "मैंने कभी किसी विषय का ट्यूशन नहीं लिया। जो स्कूल में पढ़ती और सीखती थी, घर पर आकर उसकी प्रैक्टिस करती थी और यही मेरी सफलता का मंत्र है।"

रक्षा की छोटी सी ख्वाहिश

सेकेंड टॉपर भूमि का सपना

दूसरे नंबर पर रहीं चंडीगढ़ के डीएवी स्कूल की छात्रा भूमि सावंत डे ने विज्ञान विषय में 99.4 फीसदी अंक हासिल किए हैं. इंजीनियर बनने की चाह रखने वाली भूमि स्कूल के अलावा पांच घंटे तक सेल्फ स्टडी करती थीं.

IAS बनने का सपना


चंडीगढ़ के भवन विद्यालय के आदित्य जैन और मन्नत लूथरा 99.2 फीसदी अंकों के साथ संयुक्त रूप से तीसरे स्थान पर हैं. आदित्य और मन्नत दोनों ही आईएएस अधिकारी बनना चाहते हैं और अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपनी मेहनत और माता-पिता को देते हैं.

आदित्य जैन प्रधानमंत्री मोदी के 'बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ' अभियान के समर्थक हैं. हर बार की तरह इस बार भी लड़कियों के बाजी मारने के सवाल पर वह कहते हैं, "लड़कियां बहुत मेहनती होती हैं, मैं खुद बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ को सपोर्ट करता हूं."

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