महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में किसानों ने अपनी मांगों को लेकर आंदोलन तेज कर दिया है. इस हड़ताल का शुक्रवार को दूसरा दिन है. दोनों ही राज्यों में इसका गहरा असर देखने को मिल रहा है. दूध और सब्जियों के दाम में अचानक इजाफा हो गया है.
बता दें कि महाराष्ट्र के अहमदनगर से शुरू हुए छोटे से किसान आंदोलन ने अब महाराष्ट्र में महा आंदोलन की शक्ल ले ली है. कोंकण को छोड़कर महाराष्ट्र भर के करीब 5 लाख से अधिक किसान हड़ताल पर हैं, जिसमें गुरुवार को कई हिंसक घटनाएं हुईं. शुक्रवार को ये आंदोलन और तेज हो गया.
क्या हैं महाराष्ट्र के किसानों की मांगें:
- किसानों के सभी कर्ज माफ किए जाएं
- स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें लागू की जाएं
- खेती के लिए बिना ब्याज के कर्ज मिले
- 60 साल के उम्र वाले किसानों को पेंशन दी जाए
- दूध के लिए प्रति लीटर 50 रुपये दिए जाएं
हड़ताल के कारण मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई, पुणे, नासिक, नागपुर और दूसरे बड़े शहरों में दूध, ताजा फल, सब्जियों और यहां तक कि अनाज जैसी जरूरी चीजों की कमी से कीमतों में बढ़ोतरी देखी गई है.
किसानों की नाराजगी का आलम ये है कि औरंगाबाद में किसानों ने हजारों लीटर दूध सड़कों पर बहा दिया.
औरंगाबाद के अलावा शिरडी, नासिक, पुणे, सतारा और कोल्हापुर के अलावा राज्य के दूसरे हिस्सों में भी किसान आंदोलन कर रहे हैं.
दूध और सब्जियों की सप्लाई रोकने की हो रही कोशिश
किसानों ने राज्य सरकार को मुंबई जैसे बड़े शहरों के लिए दूध और सब्जी की सप्लाई भी बंद करने की धमकी दी है. नवी मुंबई कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) में सूत्रों के मुताबिक, मुंबई में दूध आपूर्ति काफी हद तक बेअसर रही. हालांकि किसानों के आंदोलन के डर से सब्जियां लाने वाले गाड़ियों की संख्या में कमी देखी गई.
गुरुवार को भी मुंबई की ओर जाने वाली दूध और सब्जियों की गाड़ियों को किसान रोकने की कोशिश करते दिखे. मुंबई की सबसे बड़ी एपीएमसी मंडी में सब्जियों की आवक भी आंदोलन की वजह से 30 फीसदी तक कम हो गई है.
समर्थन में अन्ना, आरोप-प्रत्यारोप शुरू
अन्ना हजारे ने एक बयान में कहा:
मैं किसानों के मुद्दों का समर्थन करता हूं, लेकिन मैं उनसे आंदोलन को शांतिपूर्ण तरीके से करने की अपील करता हूं. मैं सरकार के साथ उनकी ओर से बात करने और इस मुद्दे को हल करने के लिए तैयार हूं.
वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मुद्दों का हल निकालने के लिए किसानों के साथ बातचीत जारी है. इसके बावजूद किसान सरकारी कार्यालयों और कृषि उत्पाद बाजार समिति (एपीएमसी) कार्यालयों में अपनी मांगों के लिए आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और जुलूस निकाल रहे हैं.
फडणवीस ने गुरुवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी पर किसानों को कथित रूप से उकसाने का आरोप लगाया था.
शिवसेना ने बीजेपी से किसानों की मांगों को ध्यान में रखने और तत्काल कदम उठाने की बात कही.
जवाब में फडणवीस ने कहा कि सरकार अपनी जिम्मेदारी से वाकिफ है और वो अपनी सत्ता में सहयोगी शिवसेना से यही उम्मीद करती है.
मध्य प्रदेश में भी हड़ताल पर हैं किसान
मध्य प्रदेश में भी किसानों की हड़ताल का शुक्रवार को दूसरा दिन था. हड़ताल के कारण दूध और सब्जियों की आपूर्ति में दिक्कतें आईं और दामों में इजाफा देखने को मिला.
कई जगहों पर तो दूध और सब्जी की बिक्री के लिए पुलिसबलों की तैनाती करनी पड़ी. राज्य के किसान गुरुवार से कर्जमाफी, फसल के उचित दाम सहित कई दूसरों मांगों को लेकर हड़ताल पर हैं. 10 दिनों के लिए बुलाई इस हड़ताल के दूसरे दिन शुक्रवार को ही हालात बिगड़ने लगे हैं. बाजारों तक सब्जी और घरों तक पर्याप्त मात्रा में दूध नहीं पहुंच पा रहा है
दूध बहाकर किया प्रदर्शन, सब्जियों के दाम दोगुने
किसानों ने विरोध में शुक्रवार को आगरा-मालवा की सड़कों पर दूध बहाया और सब्जियों को शहर तक नहीं जाने दिया. इसी तरह के हालात राज्य के दूसरे हिस्सों में भी है. उज्जैन की मंडी और इंदौर में दूध की दुकानों पर पुलिस तैनात करनी पड़ी है.
बता दें कि हड़ताल के दूसरे दिन ही सब्जियों के दाम दोगुने हो गए हैं, क्योंकि गांव से मंडियों तक सब्जी नहीं पहुंच पा रही हैृ. इसके अलावा दूध की भी दिक्कत बढ़ गई है. इसके बावजूद किसानों के आंदोलन को लेकर सरकार की ओर से किसी तरह की पहल देखने को नहीं मिल रही है.
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