ADVERTISEMENTREMOVE AD

देश के सबसे भारी सैटेलाइट GSLV MK-3 लॉन्च, ISRO ने रचा इतिहास

इसका वजन पांच पूरी तरह भरे बोइंग जम्बो विमान या 200 हाथियों के बराबर है.

Updated
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत का सबसे बड़े सैटेलाइट GSLV MK-3 लॉन्च हो गया है. भारत का ये अब तक का सबसे भारी रॉकेट है, जो पूरी तरह देश में ही बना है.

इसका वजन पांच पूरी तरह भरे बोइंग जम्बो विमान या 200 हाथियों के बराबर है. इसे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष सेंटर से लॉन्‍च किया गया. ये रॉकेट कम्यूनिकेशन सैटेलाइट जीएसएटी-19 को लेकर जाएगा. जीसैट-19 सैटेलाइट का वजन 3,136 किलोग्राम है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

GSLV MK-3 की खासियत

  • ये रॉकेट पृथ्वी की कम ऊंचाई वाली कक्षा तक आठ टन वजन ले जाने में सक्षम है.
  • इसकी लंबाई 43 मीटर है, जो तीन बड़े भारतीय रॉकेटों में सबसे छोटा है.
  • भारत के सबसे बड़े रॉकेट GSLV MK-2 से डेढ़ गुणा अधिक बड़ा है और PSLV से दोगुना अधिक बड़ा है.
  • दो एसयूवी के बराबर वजन अंतरिक्ष में ले जाने में सक्षम है.

GSLV MK-3 के बारे में इसरो अध्यक्ष एसएस किरण कुमार ने कहा कि मिशन महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह अब तक का सबसे भारी रॉकेट और सैटेलाइट है, जिसे देश से छोड़ा गया है. अब तक 2300 किलोग्राम से अधिक वजन के कम्युनिकेशन सैटेलाइट के लिए इसरो को विदेशी लॉन्‍चरों पर निर्भर करना पड़ता था.

अंतरिक्ष की कक्षा में स्थापित 41 भारतीय सैटेलाइट में से 13 कम्युनिकेशन सैटेलाइट हैं.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

बढ़ेगी इंटरनेट की स्पीड

केंद्र के निदेशक तपन मिश्रा के मुताबिक, GSLV MK-3 देश का पहला ऐसा सैटेलाइट है, जो अंतरिक्ष आधारित प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करके तेज स्पीड वाली इंटरनेट सेवाएं मुहैया कराने में सक्षम है.

इंटरनेट सेवाओं का फैलाव शायद तुरंत न हो, लेकिन देश ऐसी क्षमता विकसित करने पर जोर दे रहा है, जो फाइबर ऑप्टिकल इंटरनेट की पहुंच से दूर स्थानों को जोड़ने में महत्वपूर्ण हो.

मिश्रा ने GSLV MK-3 को ‘भारत के लिए कम्युनिकेशन के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी सैटेलाइट' बताया है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×