अमरनाथ यात्रा के दौरान हुए आतंकी हमले में 7 यात्रियों की मौत के बाद हर तरफ इस कायराना हरकत की निंदा हो रही है. हमले में मारे गए 5 लोगों के शव मंगलवार को गुजरात लाए गए.
वहीं कड़ी सुरक्षा के बीच 3 हजार अमरनाथ यात्रियों का अगला जत्था बेस कैंप से बालटाल के लिए रवाना हो चुका है. जानिए हमले से लेकर अब तक की हर खास जानकारी:
मुआवजे का एलान, सुरक्षा बढ़ाई गई
- जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के खानबल में हुए हमले में 6 महिलाओं समेत 7 की मौत हुई थी.
- गुजरात सरकार ने पीड़ितों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी की है. हेल्पलाइन नंबर 079-23251908 और 1070 हैं.
- जम्मू-कश्मीर सरकार ने मृतकों के परिजनों को 6-6 लाख रुपये जबकि घायलों को 2-2 लाख रुपये सहायता राशि देने की घोषणा की.
- हमले में 19 यात्री जख्मी हुए हैं जिसमें 8 महाराष्ट्र के हैं.
- मृतकों में से दो महिलाएं महाराष्ट्र की है, महाराष्ट्र की महिलाओं के शवों को बाद में उनके घर भेजा जाएगा.
- 5 मृतक गुजरात के हैं, सभी शव मंगलवार को गुजरात पहुंचे. सीएम विजय रूपानी शवों के पहुंचने के मौके पर मौजूद थे.
- विजय रूपानी ने मृतकों के परिजनों को 10-10 लाख रुपये की सहायता राशि का ऐलान किया है. वहीं घायलों को दो-दो लाख रुपये की राशि देने का ऐलान किया गया है.
राजनाथ सिंह ने सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा व्यवस्था की समीक्षा की और अमरनाथ यात्रा के दौरान सुरक्षा बढ़ाए जाने का आदेश दिया. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्री ने घंटे भर लंबी चली बैठक में कश्मीर घाटी खासकर पवित्र गुफा की ओर जाने वाले दो रास्तों में जारी हालात का जायजा लिया.
इस बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल, गृह मंत्रालय के उच्चाधिकारी, खुफिया एजेंसियों और केंद्रीय अर्द्धसैनिक बलों के शीर्ष अधिकारी शामिल हुए. इसमें अमरनाथ यात्रियों की सुरक्षा और भविष्य में ऐसे संभावित हमलों को रोकने के उपायों पर विस्तार से बातचीत हुई.
बैठक के तुरंत बाद, NSA ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में हुई चर्चा की जानकारी दी. वहीं गृह राज्यमंत्री हंसराज अहीर के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय केंद्रीय दल अमरनाथ सुरक्षा का आकलन करने के लिए जम्मू-कश्मीर दौरे पर है.
नया जत्था अमरनाथ के लिए रवाना
हमले के बावजूद मंगलवार सुबह भी 3000 से अधिक अमरनाथ यात्रियों का जत्था बेस कैंप से भारी सुरक्षा के बीच पवित्र गुफा बालटाल के लिए रवाना हुआ. बता दें कि 40 दिन की ये यात्रा 29 जून को शुरू हुई थी, ये 7 अगस्त को पूरी होगी. अभी तक करीब 1.40 लाख यात्री बर्फानी बाबा के दर्शन कर चुके हैं.
सुरक्षा में हुई चूक?
इस साल अमरनाथ यात्रा के रास्ते की सुरक्षा के लिए राज्य पुलिस बल के अलावा अर्द्धसैनिक बलों के 21,000 जवानों को तैनात किया गया है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अर्द्धसैनिक बलों के 9,500 अधिक जवान तैनात किए गए हैं.
हालांकि जिस बस पर हमला हुआ वह उन वाहनों के काफिले का हिस्सा नहीं था जो पर्याप्त सुरक्षा के बीच अमरनाथ यात्रा पर है. हमले के वक्त बस श्रीनगर से जम्मू जा रही थी, हमला अनंतनाग जिले में रात आठ बजकर बीस मिनट पर हुआ.
पुलिस ने बताया कि बस चालक ने यात्रा के लिए तय नियमों का उल्लंघन किया है. नियमों के अनुसार शाम सात बजे के बाद हाईवे से सुरक्षा हटा ली जाती है इसलिए उस पर यात्रा के लिए किसी वाहन को जाने की इजाजत नहीं होती है.
दुनियाभर में की गई हमले की निंदा
अमरनाथ यात्रियों पर हुए इस हमले की दुनियाभर में निंदा हो रही है. फ्रांस, अमेरिका, बांग्लादेश समेत कई देशों ने मृतकों के लिए अपनी संवेदना जताई है. साथ ही इस जघन्य हमले की निंदा भी की है.
(इनपुट एएनआई, भाषा और आईएएनएस से)
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