भारत और चीन के बीच टकराव बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं. देश के पूर्व रक्षामंत्री मुलायम सिंह यादव ने चीन को भारत का 'सबसे बड़ा दुश्मन' करार दिया है. उन्होंने चेतावनी दी कि चीन भारत पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका है. एक दिन पहले ही चीन की ओर से भड़काऊ बयान आए थे. हम आगे विस्तार से ये बता रहे हैं कि इस मसले पर पिछले 24 घंटे में क्या हुआ है और किस तरह की प्रतिक्रियाएं आ रही हैं.
क्या चीन भारत का दुश्मन नंबर 1 है?
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव ने बुधवार को संसद में कहा कि चीन भारत का सबसे बड़ा दुश्मन है. उन्होंने कहा कि चीन भारत के खिलाफ षड्यंत्र रच रहा है और भारत पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका है. मुलायम ने कहा-
मैं बीस साल से सावधान करता आ रहा हूं और हर साल इस बारे में इस सदन में बोलता हूं कि चीन से भारत को बहुत खतरा है. चीन भारत के खिलाफ षड्यंत्र कर रहा है और हिंदुस्तान पर हमले की पूरी तैयारी कर चुका है.
उन्होंने कहा कि हमें पाकिस्तान से नहीं, चीन से खतरा है. उसने पाकिस्तान को भी अपने साथ मिला लिया है. नेपाल पर भी चीन की नजर है.
तिब्बत में सेना की गाड़ियां, उपकरण पहुंचा रहा है चीन
मुलायम सिंह यादव का ये बयान ऐसे समय में आया है, जब सिक्किम सीमा विवाद लगातार बढ़ता नजर आ रहा है. चीन की सरकारी मीडिया की ओर से भारत को युद्ध की धमकी तक दे गई है. सिक्किम के पास डोकलाम क्षेत्र में जारी तनातनी के बीच चीन के सरकारी मीडिया की ओर से भारत को युद्ध की धमकी दी गई है.
वहीं बीजिंग ने हजारों टन के सैन्य वाहन और उपकरण तिब्बत पहुंचाए हैं. चीनी सेना के अखबार पीएलए डेली की एक रिपोर्ट के मुताबिक, "जून के अंत से सड़क और रेल मार्ग से पूरे क्षेत्र से सैन्य साजो-सामान लगातार पहुंचाए जा रहे हैं."
शंघाई इंस्टीट्यूट फॉर इंटरनेशनल स्टडीज के दक्षिण एशिया स्टडी पर विशेषज्ञ वांग देहुआ ने कहा कि जवानों और उपकरण सामग्री की आवाजाही से साफ होता है कि चीन के लिए अब अपनी पश्चिमी सीमा की रक्षा करना कितना आसान है.
उन्होंने कहा, "सैन्य अभियान सिस्टम का खेल है. अब तिब्बत क्षेत्र में बेहतरीन सैन्य तंत्र मौजूद है." वांग ने कहा, "अब सेना आसानी से जवानों और आपूर्ति को आगे की सीमा तक पहुंचा सकती है, ऐसा पठार से चीन के बाकी के क्षेत्र को जोड़ने वाले क्विंगही-तिब्बत रेलवे और दूसरे नए मार्गो और बुनियादी सुविधाओं में सुधार के कारण हो सका है."
आक्रामक दिख रहा है चीन: विदेश सचिव
भारत भी चीन के इस बेहद आक्रामक रवैये से वाकिफ है. विदेश सचिव एस जयशंकर ने मंगलवार को संसदीय समिति को बताया कि हालिया डोकलाम विवाद को लेकर चीन का रुख असामान्य रुप से आक्रामक है. विदेश सचिव ने समिति को बताया कि सीमा को लेकर भारत और चीन ने अपनी-अपनी स्थिति साफ कर दी है, लेकिन चीन उसका गलत अर्थ लगा रहे है, जिसे भारत साफ करने की कोशिश कर रहा है.
हालांकि, संसदीय समिति के एक सदस्य ने ये भी कहा कि विदेश सचिव ने 'युद्ध जैसे हालात या विवाद' जैसे शब्दों का इस्तेमाल नहीं किया, बल्कि डोकलाम की हालिया स्थिति के लिए उन्होंने 'टकराव' शब्द का इस्तेमाल किया.
चीन को भारत का 'जवाब'
किसी भी संकट के हालात का सामना करने की भारत की तैयारियों का ब्योरा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू के बयान से मिलता है.
किरण रिजिजू ने मंगलवार को संसद में बताया कि भारत चीन सीमा पर 73 सड़कों का निर्माण कर रहा है. इनमें से 30 सड़कें तैयार कर ली गई हैं. कुल 76 सड़कों में से 46 का निर्माण रक्षा मंत्रालय और 27 का गृह मंत्रालय कर रहा है.
हालांकि भारत ने हर बार साफ किया है कि वो सीमा पर आक्रामकता नहीं दिखाने की कोशिश में है, साथ ही वो चीन के उकसावे में भी नहीं आएगा.
अमेरिका ने भी जताई है चिंता
भारत-चीन सीमा पर चल रहे विवाद को लेकर अमेरिका ने चिंता जताई है. अमेरिका ने कहा कि दोनों देशों को साथ काम करके शांति व्यवस्था के लिए रास्ते निकालने की कोशिश करनी चाहिए. विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हीदर नौअर्ट ने कहा-
मैं जानती हूं कि अमेरिका मौजूदा स्थिति को देखते हुए चिंतित है, हमारा मानना है कि दोनों ही पक्षों को साथ काम करके शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए कुछ बेहतर रास्ते निकालने की कोशिश करनी चाहिए.
क्या है विवाद?
जून के पहले हफ्ते में शुरू हुए डोकलाम विवाद को 1 महीने से ज्यादा हो चुका है. दरअसल, भूटान के दावे वाले डोकलाम क्षेत्र में सड़क निर्माण को लेकर भारत और चीन में खींचतान चल रही है. चीन डोकलाम में सड़क बनाने की जिद पकड़े हुए है, वहीं भारत इसका विरोध कर रहा है. बता दें कि ये पूरा इलाका सामरिक रूप से भारत के लिए बेहद अहम है.
अगर चीन यहां सड़क बनाने में कामयाब होता है, तो उसके लिए भारत के चिकन नेक कहे जाने वाले सिलीगुड़ी तक पहुंच काफी आसान हो जाएगी, जिससे भारत की सुरक्षा में सेंध लग सकती है. साथ ही चीन, भूटान के किसी भी हिस्से पर दावा ठोकता है या उसकी संप्रभुता में दखल देता है, तो भारत के लिए इसका विरोध करना जरूरी है.
'चीन उकसा रहा है'
अब भारतीय जवान डोकलाम से पीछे हटने को तैयार नहीं है. चीन इसी कारण से भड़का हुआ है. इस बीच चीन ने कई बार ये चेतावनी दी है कि भारत के जवानों के 'बिना शर्त' पीछे हटने तक कोई बातचीत संभव नहीं है. चीन ने अपनी 'चेतावनी' को धमकी साबित करने के लिए तिब्बत में 11 घंटे तक युद्ध अभ्यास किया.
युद्ध अभ्यास में सैनिकों को तुरंत पहुंचाना, डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल करना और संयुक्त हमलों में कई सैन्य इकाइयों के साथ मिलकर अभियान को अंजाम देने का अभ्यास किया गया. इस अभ्यास के एक वीडियो में चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों को बंकर और होवित्जर को उड़ाने के लिए टैंक रोधी ग्रेनेड और मिसाइलों का इस्तेमाल करते हुए दिखाया गया है. मतलब साफ है कि चीन ये साफ कर देना चाहता है कि वो भारत से युद्ध के लिए तैयार बैठा है.
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