सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में एमबीबीएस और बीडीएस में एडमिशन के लिए तमिलनाडु सरकार को नेशनल एलिजिबिलिटी टेस्ट (NEET) के तहत मेडिकल काउंसलिंग कराने का निर्देश दिया है.
कोर्ट ने कहा कि NEET पर तमिलनाडु सरकार के आॅर्डिनेंस को मंजूरी नहीं दे सकते. साथ ही काउंसलिंग प्रोसेस 4 सितंबर तक हो जाना चाहिए.
इसके अलावा कोर्ट ने यह भी कहा है कि तमिलनाडु को NEET से छूट नहीं दी जा सकती. पिछले सप्ताह सुप्रीम कोर्ट ने तमिलनाडु में NEET 2017 के तहत एडमिशन प्रोसेस पर रोक लगाई थी.
इससे पहले केंद्र सरकार ने तमिलनाडु सरकार के एक ऑर्डिनेंस को अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल की सलाह से मंजूरी दी थी, जो मेडिकल छात्रों को सामान्य प्रवेश परीक्षा NEET में हाजिर होने से छूट देता है.
14 अगस्त को केंद्र ने सिर्फ 'यदि राज्य सरकार इस साल नीट के लिए अपवाद वाला अध्यादेश जारी करती है’ जोड़ते हुए राज्य को एग्जाम से एक साल के लिए छूट देने पर सहमति जताई थी. तमिलनाडु ने शुरुआत में नीट से विधानसभा में दो बिल पारित करके स्थाई छूट मांगी थी, बाद में कम से कम एक या दो साल के लिए बाहर रखने की मांग की थी.
मेडिकल में एडमिशन के लिए होता है एग्जाम
NEET का आयोजन मेडिकल और डेंटल कॉलेज में एमबीबीएस और बीडीएस कोर्सेस में एडमिशन के लिए किया जाता है. इस एग्जाम के जरिए उन कॉलेजों में एडमिशन मिलता है, जो मेडिकल कांउसिल ऑफ इंडिया और डेंटल कांउसिल ऑफ इंडिया के जरिए संचालित किया जाता है.
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