आर्मी चीफ जनरल बिपिन रावत ने बुधवार को कहा है कि देश को दो मोर्चो पर लड़ाई के लिए तैयार रहना चाहिए क्योंकि चीन ने 'आंख दिखाना ' शुरू कर दिया है जबकि पाकिस्तान के साथ सुलह की भी कोई गुजाइंश नजर नहीं आती है.
डोकलाम में 73 दिनों तक चले टकराव का जिक्र करते हुए आर्मी चीफ ने चेतावनी दी कि उत्तरी सीमा पर यह स्थिति धीरे-धीरे एक बड़े संघर्ष का रूप ले सकती है.
उन्होंने कहा कि ऐसी संभावना है कि ये संघर्ष एक स्थान और समय तक सीमित रहें या ऐसा भी हो सकता है कि ये पूरे सीमा क्षेत्र में एक पूरे युद्ध का रूप ले. और ऐसे में पाकिस्तान इस हालात में फायदा उठाने के फिराक में होगा.
युद्ध जैसे हालात हकीकत के दायरे में: आर्मी चीफ
उन्होंने कहा है कि हमें तैयार रहना होगा. देश के लिए लिए युद्ध जैसे हालात हकीकत के दायरे में हैं. जनरल रावत ने कहा कि बाहरी सुरक्षा खतरों का सफलतापूर्वक मुकाबला करने के लिए तीनों सेवाओं में आर्मी की सर्वोच्चता बनी रहनी चाहिए.
आर्मी चीफ की टिप्पणी ऐसे समय में आयी है जब एक दिन पहले ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग डोकलाम टकराव को पीछे छोड़ते हुए आगे बढ़ने की ओर दिखे. जनरल रावत ने कहा कि भारत चीन के खिलाफ अपनी चौकसी कम करने का जोखिम नहीं ले सकता. उन्होंने कहा-
जहां तक उत्तर की बात है तो आंख दिखाना शुरू हो गया है. हमें उन स्थितियों के लिए तैयार रहना होगा जो धीरे धीरे संघर्ष में तब्दील हो सकती हैं.
वो सेंटर फोर लैंड वारफेयर स्टडीज के कार्यक्रम में बोल रहे थे.
पाकिस्तान से सुलह की गुंजाइश नहीं: आर्मी चीफ
पाकिस्तान के बारे में आर्मी चीफ रावत ने कहा-
जहां तक पश्चिमी दुश्मन की बात है तो हमें सुलह की कोई गुजाइंश नजर नहीं आती क्योंकि उसकी सेना, राजसत्ता और उस देश के लोगों के मन में ये बात बिठा दी गयी है कि भारत दुश्मन है और वह उनके देश को टुकड़ों में तोड़ने को बेताब है.
जनरल रावत ने इस बात पर आश्चर्य जताया कि देश कबतक पाकिस्तान के छद्म युद्ध को बर्दाश्त करता रहेगा और कब वो इस फैसले पर पहुंचेगा कि पाक हद पार कर चुका है.
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