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वर्ल्ड बैंक रैंकिंग: इन सुधारों से 100वें स्थान पर पहुंचा भारत 

कारोबारी माहौल की रैंकिंग में भारत की लंबी छलांग, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में 100वां स्थान.  

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भारत ने वर्ल्ड बैंक की कारोबार करने में सहूलियत 'ईज ऑफ डूइंग बिजनेस' की रिपोर्ट रैंकिंग में लंबी छलांग लगाई है. देश की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गई. इससे उत्साहित सरकार ने सुधारों को आगे बढ़ाने का संकल्प दोहराया जिससे देश आने वाले सालों में बिजनेस के मामले में टाॅप 50 देशों में शामिल हो सकता है.

नरेंद्र मोदी सरकार के 2014 में सत्ता में आने के समय भारत की रैंकिंग 142 थी. पिछले साल ये 130 थी. इस साल भारत अकेला बड़ा देश है जिसने कराधान, कंस्ट्रक्शन परमिट, निवेशक संरक्षण और ऋण शोधन के लिये उठाये गये कदम के दम पर ये बड़ी सफलता हासिल की. वर्ल्ड बैंक ने कहा इस साल के आकलन में ये टाॅप 10 सुधारकर्ता देशों में एक है.

कारोबार करने में सहूलियत के 10 इंडिकेटर्स में से छह में सुधारों को क्रियान्वित किया गया. ये पहला मौका है जब भारत इस मामले में पहले 100 देशों में शामिल हुआ है.

कारोबारी माहौल की रैंकिंग में भारत की लंबी छलांग, वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट में 100वां स्थान.  
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इन इंडिकेटर्स में हुए सुधार

वर्ल्ड बैंक की इस रिपोर्ट से नरेंद्र मोदी सरकार के तरकश में नये तीर आ गये हैं. ये रिपोर्ट ऐसे समय आयी है जब मोदी सरकार जीएसटी और नोटबंदी के बाद अर्थव्यवस्था में आयी नरमी को लेकर विपक्ष के निशाने पर है.

  • भारत इन्वेस्टर्स के संरक्षण के मामले में दुनिया में चौथे स्थान (पिछले साल 13वें स्थान) पर आ गया. लेकिन इलेक्ट्रिसिटी कनेक्शन पाने के मामले में स्थिति बिगड़ी है और पिछले साल के 26 से 29वें स्थान पर आ गया.
  • कर्ज उपलब्धता रैंकिंग 44 से सुधरकर 29 पर आ गयी. वहीं कर भुगतान सुगमता के मामले में रैंकिंग 172वें से सुधकर 119वें स्थान पर आ गयी.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा, पिछले तीन साल में हम 142वें स्थान से 100 स्थान पर आ गये. और मुझे लगता है कि जिन क्षेत्रों में हम अब भी पीछे हैं, उनमें भी काफी तरक्की हो रही है. इसके आधार पर ये भरोसा किया जा सकता है कि हमारे पास अपनी स्थिति में और सुधार लाने की क्षमता है. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का लक्ष्य टाॅप 50 देशों में आने का है और इसे पूरा किया जा सकता है.

जेटली ने कहा, मुझे भरोसा है कि ये किया जा सकता है और इसीलिए तीन से चार क्षेत्र हैं जहां काम किया जाना है. हम पूरे दम-खम के साथ इसे आगे बढ़ाएंगे. देश में जिन मानदंडों में 2016-17 में सुधार हुआ है, उसमें कारोबार शुरु करने में तेजी, प्रक्रियाओं में कमी, कर्ज की आसान पहुंच, माइनाॅरिटी इन्वेस्टर्स का संरक्षण, कर भुगतान, ट्रेडिंग अक्रॉस बॉर्डर को आसान बनाने और ऋण शोधन को आसान बनाना शामिल है.

हालांकि कंपनी गठित करना, अनुबंधों को लागू करना और निर्माण परमिट के मामले में अब भी पीछे है. नई कंपनी के लिए रजिस्ट्रेशन कराने में अब भी 30 दिन का समय लगता है जो 15 साल पहले 127 दिन था लेकिन स्थानीय बिजनसमैन के लिये कई तरह की प्रक्रियाओं से गुजरना अब भी मुश्किल समस्या बनी हुई है. उन्हें अब भी 12 प्रक्रियाओं से गुजरने पड़ता है.

रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म का मंत्र

इस बारे में अपनी प्रतिक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफार्म के मंत्र के साथ रैंकिंग में और सुधार और आर्थिक वृद्धि में तेजी लाने को प्रतिबद्ध है.

उन्होंने भारत की रैंकिंग में उछाल की तारीफ की और कहा कि ये चौतरफा और अलग-अलग क्षेत्रों में किये गये सुधारों का नतीजा है.

मोदी ने ट्वीट किया, व्यापार सुगमता रैंकिंग में ऐतिहासिक छलांग टीम इंडिया के चौतरफा और बहु क्षेत्रीय सुधार कदमों का नतीजा है. वर्ल्ड बैंक की कारोबार सुगमता रिपोर्ट में भारत की रैंकिंग में शानदार सुधार आया है. देश की रैंकिंग 30 पायदान सुधरकर 100वें स्थान पर पहुंच गई है.

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने रैंकिंग सुधरने का क्रेडिट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया. शाह ने कहा है कि बेहतर कारोबारी माहौल के चलते उद्यमियों विशेषकर छोटे और मझौले उपक्रमों के लिए बेहतर कारोबारी अवसर बनेंगे.

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इस साल का सबसे बड़ा आश्चर्य भारत

वर्ल्ड बैंक के ग्लोबल इंडिकेटर्स ग्रुप की कार्यवाहक निदेशक रीता रमाल्हो ने कहा, ये बड़ा उछाल है. उन्होंने 30 पायदान के सुधार के लिये मोदी सरकार की अगुवाई में 2014 से किये गये सुधारों को क्रेडिट दिया.

एक जुलाई से लागू जीएसटी अगले साल की रिपोर्ट में असर दिखाएगा. रीता ने कहा, इस साल जीएसटी सुधारों पर गौर नहीं किया गया. इस पर अगले साल की रिपोर्ट में विचार किया जाएगा. वर्ल्ड बैंक के अनुसार दुनिया में न्यूजीलैंड बिजनेस के लिहाज से सबसे बेहतर जगह है. उसके बाद क्रमश: सिंगापुर, डेनमार्क, दक्षिण कोरिया और हांगकांग का स्थान है. अमेरिका और ब्रिटेन रैंकिंग में क्रमश: छठे और सातवें स्थान पर है.

ब्रिक्स देशों में रुस सूची में अव्वल है और वो 35वें स्थान पर है. उसके बाद चीन का स्थान है जो लगातार दूसरे साल 78वें स्थान पर है.

रिपोर्ट लिखने वालों ने कहा कि इस साल का सबसे बड़ा आश्चर्य भारत है. भारत 4.71 अंक बढ़कर 60.76 अंक पर पहुंच गया.

रीता ने कहा, भारत ने इस साल काफी सुधार किया है लेकिन अब भी काफी गुंजाइश है. इसीलिए मैं ये नहीं कहूंगी कि ये बिजनेस के लिये बेहतर जगह है लेकिन निश्चित रुप से बेहतर जगह बनने की दिशा में बढ़ रहा है. दो साल पहले के मुकाबले बिजनेस करना काफी आसान हुआ है.

(-इनपुट भाषा से)

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