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तरुण तेजपाल के खिलाफ रेप केस में आरोप तय

साल 2013 में सहकर्मी ने लगाया था यौन उत्पीड़न का आरोप

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गोवा की एक अदालत ने तहलका पत्रिका के संस्थापक तरण तेजपाल के खिलाफ 2013 में दर्ज कथित बलात्कार के मामले में आज दुष्कर्म और अवैध तरीके से कैद के आरोप तय कर दिए. इस प्रकार उनके खिलाफ सुनवाई का रास्ता साफ हो गया है. हालांकि, तेजपाल ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इंकार किया है. जिला अदालत ने इस मामले में सुनवाई के लिए 21 नवंबर की तारीख तय की है.

लोक अभियोजक फ्रांसिस्को तवोरा ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मापसा के अतिरिक्त जिला सत्र न्यायाधीश विजय पॉल ने तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किए. तेजपाल के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म के लिए सजा), 354(ए) ( यौन उत्पीडन), 354 बी :महिला को निर्वस्त्र करने की मंशा से आपराधिक हमला:, 341 :अवैध रुप से रोकना: और 342 (अवैध रुप से कैद) के तहत आरोप तय किए गए हैं.

अगर तेजपाल बलात्कार के दोषी पाए जाते हैं तो उन्हें कम से कम 10 साल के कारावास की सजा होगी. उन्होंने कहा कि अदालत अब इन धाराओं के तहत सुनवाई करेगी.

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तेजपाल ने की थी निचली अदालत में चल रहे ट्रायल पर रोक लगाने की मांग

तेजपाल के वकील ने गोवा की अदालत में याचिका दाखिल कर कहा था कि सुनवाई स्थगित रखी जाए क्योंकि आरोप तय किए जाने को चुनौती देने वाली एक याचिका पहले ही बॉम्बे हाई कोर्ट में लंबित है.

अदालत ने इस याचिका को खारिज कर दिया और तेजपाल के खिलाफ आरोप तय करने को अनुमति दे दी. तेजपाल ने दलील दी कि वह दोषी नहीं हैं.

तहलका के पूर्व संपादक पर 2013 में गोवा के एक फाइव स्टार होटल की लिफ्ट में एक पूर्व सहकर्मी के साथ यौन दुर्व्यवहार करने का आरोप है. इसके पहले इसी सप्ताह गोवा में बॉम्बे हाई कोर्ट ने तेजपाल के खिलाफ आरोप तय किए जाने पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.

अभियोजन पक्ष ने सबूत सौंपने में की देरी

निचली अदालत में 7 सितंबर को आरोप तय किए जाने की प्रक्रिया को चुनौती देते हुए तेजपाल के वकील अमन लेखी ने कहा कि दुष्कर्म का आरोप झूठा है. उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने उन्हें सुबूत सौंपने में 3 सालों की देर की.

इसके जवाब में अभियोजन पक्ष के वकील सारेश लोतलिकर ने कहा कि केवल ट्रायल में ही पत्रकार के खिलाफ लगाए गए आरोपों की सच्चाई स्थापित हो सकेगी.

इस मामले में तेजपाल आईपीसी की धारा 341 (जबरन रोकने), 342 (जबरन बंधक बनाने) और धारा 376 (दुष्कर्म) के तहत आरोपों का सामना कर रहे हैं. इसके अलावा धारा 354 (बी) (नग्न करने की नीयत से आपराधिक हमला करना) भी जोड़ी गई है. तरुण तेजपाल को साल 2013 में गोवा पुलिस ने गिरफ्तार किया था. लेकिन बाद में उन्हें 19 मई 2014 को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी.

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