IPL 21 के पहले क्वालिफायर मैच में चेन्नई सुपर किंग्स ने दिल्ली कैपिटल्स (CSK vs DC) को 4 विकेट से हरा दिया. इस जीत के साथ चेन्नई ने IPL के फाइनल में नौवीं बार अपनी जगह पक्की कर ली.
इस जीत में रॉबिन उथप्पा और रुतुराज गायकवाड़ ने शानदार पारी खेली लेकिन कप्तान धोनी के बल्ले से आखिर में निकलने वाले 18 रनों ने फैंस का दिल जीत लिया.
पिछले सीजन धोनी की ही कप्तानी में चेन्नई सुपर किंग्स प्लेऑफ की दौड़ से सबसे पहले बाहर हो गई थी और उनका खुद का बल्लेबाजी औसत और स्ट्राइक रेट काफी कम था, जिसके बाद उनकी लगातार आलोचना हो रही थी. अब इस सीजन CSK को फाइनल में पहुंचाकर धोनी ने आलोचकों को करारा जवाब दिया है.
अरसे बाद एमएस धोनी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी
अरसे बाद एमएस धोनी की ताबड़तोड़ बल्लेबाजी उनके फैंस के लिए कोई सपना पूरा होने से कम नहीं है. छह गेंदों पर 18 रनों के साथ उन्होंने मैच को सील कर दिया. 173 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी चेन्नई सुपर किंग्स को धोनी ने दो गेंद रहते अपनी टीम को एक और इंडियन प्रीमियर लीग के फाइनल में पहुंचा दिया.
इस मैच में चेन्नई के लिए रुतुराज गायकवाड़ ने 70 और रॉबिन उथप्पा ने 63 रन बनाए, लेकिन मैच का कुछ याद किया जा रहा है वह धोनी के 18 रन हैं.
धोनी के बल्ले से निकले 18 रन उनके और उनकी टीम दोनों के लिए बेहद जरूरी थे. धोनी लंबे समय से फिनिशिंग टच में नजर नहीं आ रहे थे. इस सीजन उनका बल्ला न सिर्फ खामोश रहा है, बल्कि बहुत धीमा भी. ऐसे में बड़े मैच में धोनी की अहम पारी ने बता दिया कि वो जब तक मैदान पर हैं, तब तक कुछ भी मुमकिन है.
जब वह आश्चर्यजनक रूप से फॉर्म में चल रहे रवींद्र जडेजा से पहले आए तो जरूरत 12 गेंदों पर 24 रन की थी. धोनी ने 19वें ओवर में ही एक छक्का जड़ दिया और आखिरी ओवर में 13 रनों की दरकार छोड़ी, जिसे फिर धोनी ने 2 गेंद रहते हासिल कर लिया.
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