एक बार फिर बगदादी के मारे जाने की खबर आई है. न्यूज एजेंसी एएनआई ने एक दूसरी न्यूज एजेंसी एएफपी के हवाले से बगदादी के मारे जाने का दावा किया है.
यह पहली बार नहीं है जब बगदादी के मरने की बात सामने आई है. आजकल ISIS प्रमुख बगदादी को मारना मीडिया का प्रिय शगल है. गाहे-बेगाहे बगदादी के मरने की खबरें नियमित तौर पर आती रहती हैं. कुछ न्यूज चैनल तो अपने खाली स्लाट में बगदादी का पैकेज हर दो चार दिन में चलाते रहते हैं.
लेकिन इस बार खबर थोड़ी पुख्ता समझ आ रही है. दरअसल एएफपी ने ‘सीरिया मॉनिटर’ के हवाले से बगदादी के मारे जाने की खबर चलाई है. लेकिन अभी भी इस बात की पुष्टि नहीं की जा सकती. इसके पहले रुसी हमले में भी बगदादी के मारे जाने की खबर आई थी. जून में रूसी रक्षा मंत्रालय ने अपने हवाई हमले में बगदादी के मारे जाने का दावा किया था.
क्यों फैलती हैं बगदादी के मरने की झूठी खबरें
भ्रामक प्रचार
दरअसल ISIS अपने विरोधियों को भ्रम में डालने के लिए ऐसी खबरों को हवा देता रहता है. ऐसी हरकतों से संगठन अपने विरोधियों के मिशन को ढ़ीला करवाना चाहता है. अकसर ऐसे आतंकी संगठन अपने कई हमशक्लों को भी रखते हैं. ताकि आराम से इनकी पहचान न की जा सके. हमशक्लों के मारे जाने की स्थिति में दुनिया के सामने फर्जी खबरें पहुंच जाती हैं. चूंकि ऐसे लोगों की डीएनए संबंधित पहचान करवाना आसान नहीं होता इसलिए इनको इस बात का फायदा मिल जाता है.
मीडिया का बिना कंफर्म फैक्टस के रिपोर्ट पेश करना
मीडिया सनसनीखेज खबरें जल्दी करने के चक्कर में बिना पूरे फैक्ट चेक किए बगदादी की खबर को वायरल कर देता है. कई बार मीडिया के सोर्स भी खबर की सत्यता ठीक तरीके से नहीं जांच पाते और गलत पब्लिसिटी हो जाती है.
कौन है बगदादी
46 साल के बगदादी का जन्म 1971 में इराक के समारा शहर में हुआ था. उसका असली नाम ‘इब्राहिम अवाद इब्राहिम अली मुहम्मद अल बद्री अल सामाराई’ है.
शुरुआत में बगदादी मौलवी हुआ करता था. कुछ लोगों का दावा है कि 2003 के पहले सद्दाम हुसैन के समय ही बगदादी आतंकवादी बन गया था. लेकिन दूसरा दावा है कि कैंप बुक्का में अमेरिकी हिरासत के दौरान वह आतंकवादी बना. बगदादी बाद में अलकायदा के इराकी डिवीजन इस्लामिक स्टेट आॅफ इराक से जुड़ गया और 2010 में इसका प्रमुख बन गया.
क्यों बनाया ISIS
पाक के एबटाबाद में 2011 में अमेरिका ने अलकायदा के मोस्ट वांटेड आतंकी ओसामा बिन लादेन को मार गिराया. इसके बाद अलकायदा की कमान अल जवाहिरी के हाथ में आ गई. बगदादी पहले अल जवाहरी के साथ ही काम करता था.
लेकिन 2013 में उसने अलग होकर इस्लामिक स्टेट ऑफ इराक एंड सीरिया नाम का संगठन बनाया. 2014 में बगदादी ने खुद को खलीफा घोषित कर दिया. इसके बाद से ही अमेरिका और दूसरे देशों ने ISIS के खिलाफ मिशन तेज कर दिया.
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