पुलवामा आतंकी हमले के बाद देश के अलग-अलग हिस्सों में रह रहे कश्मीरी छात्रों का उत्पीड़न किया जा रहा है. लोग कश्मीरी छात्रों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
ये सिलसिला तब शुरू हुआ, जब बीते 14 फरवरी को कश्मीर के पुलवामा में सीआरपीएफ के काफिले को निशाना बनाकर आत्मघाती आतंकी हमला किया गया. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए.
इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद (JeM) ने ली है.
देहरादून के इन संस्थानों ने किया कश्मीरी छात्रों को दाखिला देने से इनकार
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, देहरादून में बाबा फरीद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी के प्रिंसिपल ने एक लिखित नोट जारी कर कहा है कि आने वाले शैक्षणिक सत्र में किसी भी नए कश्मीरी छात्र को दाखिला नहीं दिया जाएगा.
इसके अलावा देहरादून के ही एक अन्य संस्थान एल्पाइन कॉलेज ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी ने भी इसी तरह का बयान जारी किया है, जिसमें इसी तरह की शर्तों का हवाला दिया गया है.
कश्मीरी छात्रों पर बनाया जा रहा है घर खाली करने का दवाब
पुलवामा हमले के बाद सोशल मीडिया पर भी खूब 'एंटी-कश्मीर' माहौल बना हुआ है. इसके अलावा देहरादून, अंबाला, जयपुर के अलावा कई जगहों पर जमीन पर भी कश्मीर विरोधी माहौल बनाया जा रहा है.
उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में पढ़ रहे कश्मीरी छात्रों का कहना है कि पुलवामा हमले के बाद उन्हें लगातार निशाना बनाया जा रहा है. कश्मीरी छात्रों का कहना है कि उनके मकान-मालिक उन पर कमरा खाली करने के लिए दवाब बना रहे हैं. दरअसल, मकान-मालिकों को डर है कि पुलवामा हमले के वजह से लोगों में पनपे आक्रोश की वजह से उनकी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया जा सकता है.
सोमवार को भी पुलवामा के पिंगलान इलाके में आतंकियों के साथ हुई मुठभेड़ में एक मेजर समेत चार जवान शहीद हो गए थे.
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