फेसबुक, वॉट्सऐप और इंस्टाग्राम सहित सोशल प्लेटफॉर्म की वजह से लोगों की पढ़ने और देखने की आदत तेजी से बदल रहे हैं. इनका असर खास तौर से युवा पीढ़ी पर ज्यादा है. महानगरों में अब लोग अखबार पढ़ने और टीवी देखने में 3-4 साल पहले की तुलना में कम वक्त बिता रहे हैं. इसकी जगह लोग स्मार्टफोन और सोशल मीडिया को ज्यादा वक्त दे रहे हैं.
द एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ऑफ इंडिया (एसोचैम) की रिपोर्ट में यह खुलासा हुआ है.
एसोचैम के एक सर्वे के रिजल्ट में कहा गया है:
इंडियन न्यूज इंडस्ट्री अच्छी हालत में है और करीब 6.2 करोड़ अखबार प्रकाशित हो रहे हैं. आम घरों में अभी भी सुबह-सुबह अखबार खरीदा जा रहा है. लेकिन परिवारों में अखबार पढ़ने के वक्त में तेजी से कमी आई है. लोग फेसबुक पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं. खासतौर से युवा पीढ़ी में यह चलन तेजी से उभरा है.
एसोचैम ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, बेंगलुरु में 235 परिवारों पर किए गए सर्वे में कई दिलचस्प तथ्य जुटाए हैं. करीब 80 फीसदी प्रतिभागियों ने कहा कि सुबह की चाय के साथ अखबार पढ़ने में भारी बदलाव हुआ है.
जहां 50 साल से अधिक उम्र के पुरुष अब भी अखबार पढ़ते हैं, वहीं परिवार के युवा सदस्य अलग-अलग सोशल साइटों पर जुटे रहते हैं, जहां उनकी इंट्रेस्ट से संबंधित जानकारियों और खबरों का अथाह भंडार है.
एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत ने कहा:
अजीब बात यह है कि सोशल मीडिया पर ढेरों फर्जी खबरें और झूठ भी बड़े पैमाने पर प्रसारित हो रहे हैं. हालांकि जैसे-जैसे नई मीडिया परिपक्वता की तरफ विकसित होगी, उम्मीद है कि यूजर्स भी इंटरनेट से जानकारी हासिल करने के मामले में ज्यादा समझदार बनेंगे.
फिलहाल 6.2 करोड़ अखबार छप रहे हैं और टीवी देखने वालों की संख्या भी 78 करोड़ के आस-पास है. लेकिन बहुत सारा ट्रैफिक खासकर टीवी देखने वाले दर्शकों का स्मार्टफोन, टैब की तरफ जा रहा है, जहां नेटफ्लिक्स, यूट्यूब, अमेजन जैसे कई विकल्प हैं, जो युवाओं को खासतौर से लुभा रहे हैं.
फेसबुक इसमें सबसे आगे रहने का दावा करता है और भारत में उसके कुल 20 करोड़ यूजर हैं, जो फेसबुक के कुल यूजर का 10वां हिस्सा है. पूरी दुनिया में फेसबुक के 2 अरब यूजर हैं.
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में अभी इंटरनेट की पहुंच महज 40-45 फीसदी आबादी तक ही है. वहीं, टीवी की पहुंच 90 फीसदी आबादी तक है. लेकिन सरकार डिजिटल इंडिया अभियान चला रही है और भारत सरकार गांव-गांव तक इंटरनेट पहुंचाने में जुटी है. इससे सोशल मीडिया का और विस्तार होगा और लोगों का खबरों, विचारों आदि तक पहुंचने का जायका बदलेगा.
एसोचैम ने कहा:
इसके साथ ही मार्केटिंग रणनीतियों को भी बदलना होगा और डिजिटल एडवरटाइजिंग और मार्केटिंग पर जोर देना होगा. इस माध्यम में आगे बहुत विकास होने वाला है और इसमें विज्ञापनों को सीधे लक्ष्य तक पहुंचाने की सुविधा है.
इंटरनेट के महत्व और पहुंच को देखते हुए ज्यादातर अखबार डिजिटल हो चुके हैं और सोशल मीडिया के जरिए लोगों तक आर्टिकल और न्यूज प्रसारित कर रहे हैं.
- इनपुट IANS से
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