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सड़क और ट्रेन रोककर नहीं, इन अनोखे तरीकों से भी होते हैं प्रोटेस्ट

ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अनोखे तरीकों से विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.

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भारत में विरोध प्रदर्शनों के नाम पर कभी ट्रैफिक जाम किया जाता है तो कभी पटरियों पर धरना देकर ट्रेन रोक दी जाती है. कभी बंद का आह्वान करके करोड़ों रुपये के कारोबार को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो कभी पब्लिक प्रॉपर्टी में तोड़फोड़ और आगजनी कर जनता के पैसों को ही बर्बाद किया जाता है.

लेकिन दुनिया में ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए बड़े ही अनोखे और दिलचस्प तरीकों से भी विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.

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पिकनिक प्रोटेस्ट

स्विट्जरलैंड में पुरुषों का औसत वेतन महिलाओं से 20% ज्यादा है. इसी असमानता को लेकर महिलाएं सरकार के विरोध में हैं. पिछले दिनों स्विट्जरलैंड में पुरुषों के बराबर सैलरी मिलने की मांग को लेकर कामकाजी महिलाओं ने सड़कों पर पिकनिक मनाकर शांतिपूर्ण तरीके से विरोध प्रदर्शन किया.

ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अनोखे तरीकों से विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.

डांसिंग प्रोटेस्ट

पिछले साल जुलाई में ईरान में 19 साल की एक लड़की को इसलिए गिरफ्तार किया गया था, क्योंकि उसने बिना हिजाब पहने डांस करते हुए अपना वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया था. इसके विरोध में ईरान की महिलाओं ने एक अभियान चलाया. उन्होंने सड़कों पर डांस करके अपना विरोध प्रदर्शन किया. साथ ही कई महिलाओं ने डांस करते हुए अपने वीडियो सोशल मीडिया पर पोस्ट किए.

किसिंग प्रोटेस्ट

साल 2011 में साउथ अमेरिका के देश चिली में स्टूडेंट्स ने शिक्षा के स्तर में बढ़ोतरी और शिक्षा की लागतों पर कमी के लिए विरोध दर्ज करने का एक अनोखा तरीका अपनाया. 1 सितंबर 2011 को 100 से ज्यादा यूनिवर्सिटी छात्र चिली के सैंटियागो में जोड़ों में इकठ्ठा हुए और एक-दूसरे को किस करके विरोध प्रदर्शन किया.

न्यूड प्रोटेस्ट

जानवरों के खिलाफ होने वाली हिंसा को रोकने और उनके अधिकारों के लिए काम करने वाले अंतर्राष्ट्रीय संगठन PETA ने पिछले कई सालों में अलग-अलग देशों में न्यूड प्रोटेस्ट किया. विरोध प्रदर्शन के इस तरीके ने खूब सुर्खियां बटोरीं.

जुलाई 2016 में अमेरिका के क्लीवलैंड शहर में 100 से ज्यादा महिलाओं ने हाथ में आईना लिए न्यूड होकर डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का विरोध किया था. इस विरोध प्रदर्शन के चलते महिलाओं ने यह बताना चाहा था की ट्रंप व्हाइट हाउस के लायक नहीं हैं.
ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अनोखे तरीकों से विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.
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प्लेयिंग डेड प्रोटेस्ट

इस साल 26 अप्रैल को लंदन के एक भीड़ भरे सुपरमार्केट के अंदर अचानक नजारा बदल गया. पर्यावरण सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के प्रति लोगों को आगाह करने के लिए सैकड़ों लोगों ने अजीबोगरीब तरीके से प्रदर्शन किया. वे मुर्दा होने की एक्टिंग करते हुए यहां-वहां गिर पड़े, और काफी देर तक उसी अवस्था में रहे. इस प्रोटेस्ट में सभी उम्र के लोग और छोटे बच्चे भी शामिल थे.

भारत में अक्सर किसान अपनी पैदावार को सड़कों पर बिखेर कर विरोध प्रदर्शन करते हैं. कभी सड़क पर बिखरे टमाटरों की तस्वीरें सामने आती हैं, तो कभी सैकड़ों लीटर दूध सड़क पर बहाने की तस्वीरें सामने आती हैं. ऐसे विरोधों का फायदा हो न हो, लेकिन खाने पीने की चीजें बर्बाद जरूर होती हैं.
ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अनोखे तरीकों से विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.

स्लटवॉक प्रोटेस्ट

साल 2011 में इस तरह के जुलूस का चलन कनाडा में शुरु हुआ था, जब टोरंटो के एक पुलिस अधिकारी ने एक विवादित कमेंट करते हुए कहा था कि अगर महिलाएं यौन अपराधों से बचना चाहती हैं तो उन्हें वेश्याओं की तरह कपड़े पहनने से बचना चाहिए. इस टिप्पणी के विरोध में कनाडा, अमरीका, यूरोप, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए.

ऐसे कई देश हैं, जहां बिना किसी को नुकसान पहुंचाए अनोखे तरीकों से विरोध प्रदर्शन किए जाते हैं.

इन प्रदर्शनों में महिलाएं बोल्ड किस्म के कपड़े पहनकर शामिल हुईं. इन विरोध प्रदर्शनों का मकसद इस अधिकार की मांग करना था कि यौन हिंसा के डर के बिना महिलाएं अपनी मर्जी के कपड़े पहनें.
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