ADVERTISEMENTREMOVE AD

ट्रोल करने वालों को स्वरा का जवाब-वजाइना..वजाइना..वजाइना

‘पद्मावत’ पर ‘वेजाइना’ कमेंट करने पर स्वरा को किया जा रहा है ट्रोल

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

बाॅलीवुड एक्ट्रेस स्वरा भास्कर ने संजय लीला भंसाली की फिल्म 'पद्मावत' देखने के बाद बेहद तल्‍ख बयान दिया. उन्होंने कहा, फिल्म देखने के बाद मैं खुद को योनि मात्र महसूस कर रही हूं.

फिल्म देखकर उन्होंने ये सवाल उठाया कि विधवा, दुष्कर्म पीड़िता, युवती, वृद्धा, गर्भवती या किसी किशोरी को जीने का अधिकार है या नहीं.

एक वेबसाइट के जरिए उन्होंने ओपन लेटर लिख फिल्म में 'सती' और 'जौहर' जैसी आत्म-बलिदान के रिवाजों के महिमामंडन की निंदा की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लेकिन इसके बाद स्वरा को सोशल मीडिया पर ट्रोल किया जाने लगा. कई नामी हस्तियों ने भी उनके खिलाफ ट्वीट करना शुरू कर दिया. कुछ स्वरा को हिस्ट्री पढ़ने की हिदायत देने लगे, तो कुछ लोग उनकी सोच पर ही सवाल उठा रहे हैं.

सिंगर सुचित्रा कृष्णमूर्ति ने ट्वीट किया, ''पद्मावत पर ये नारीवादी बहस क्या बेवकूफी भरी नहीं है? ये महिलाओं की एक कहानी भर है, भगवान के लिए इसे ‘जौहर’ की वकालत न समझें. अपने मतलब के लिए कोई और मुद्दा उठाएं, जो ऐतिहासिक कहानी न होकर असल में हो.''

उन्होंने फिल्म अनारकली आॅफ आरा में स्वरा के निभाए गए किरदार पर तंज किया और उनके विरोध को मजाकिया बता दिया.

फिल्ममेकर अशोक पंडित ने भी स्वरा की बातों को तर्कहीन और आधारहीन बताते हुए ट्वीट किया.

लेकिन इन ट्वीट का स्वरा ने जबरदस्त तरीके से जवाब दिया.

स्वरा ने ट्वीट किया, ‘ये काफी मजाकिया है कि लोग इस चीज से उबर नहीं पाते कि किसी महिला ने ‘वजाइना’ (योनि) शब्द का इस्तेमाल किया है! 2440 शब्दों के आर्टिकल जिसे तर्क के साथ समझाया गया है, उनमें से उन्हें सिर्फ एक शब्द वजाइना याद रहा!!! इसलिए वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना वजाइना...वजाइना वजाइना वजाइना!!!’

बता दें, 'अनारकली ऑफ आरा' फेम स्वरा ने भंसाली को इतनी परेशानियों के बावजूद 'पद्मावत' को रिलीज करने के लिए बधाई देते हुए अपने खत की शुरुआत की थी. इस दौरान पत्र में उन्होंने कुछ ऐसा लिखा कि जिसके लिए सोशल मीडिया पर उनका मजाक उड़ाया जाने लगा.

उन्होंने फिल्म देखने के बाद अपनी चिंताएं सोशल मीडिया पर शेयर की. उन्होंने दो टूक कहा कि फिल्म ‘पद्मावत’ ने उन्हें स्तब्ध कर दिया. उन्होंने लिखा, आपकी महान रचना के अंत में मुझे यही लगा. मुझे लगा कि मैं एक योनि हूं. मुझे लगा कि मैं योनि तक सीमित होकर रह गई हूं.

उन्होंने लिखा, मुझे ऐसा लगा कि महिलाओं और महिला आंदोलनों के सालों बाद जो सभी छोटी उपलब्धियां, जैसे मतदान का अधिकार, संपत्ति का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, 'समान काम समान वेतन' का अधिकार, मातृत्व अवकाश, विशाखा आदेश का मामला, बच्चा गोद लेने का अधिकार मिले.. सभी तर्कहीन थे. क्योंकि हम मूल सवाल पर लौट आए.

उन्होंने लिखा, हम जीने के अधिकार के बेसिक सवाल पर लौट आए. आपकी फिल्म देखकर लगा कि हम उसी काले अध्याय के सवाल पर ही पहुंच गए हैं कि क्या विधवा, दुष्कर्म पीड़िता, युवती, वृद्धा, गर्भवती, किशोरी को जीने का अधिकार है?

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि महिलाओं को दुष्कर्म के बाद पति, पुरुष रक्षक, मालिक और महिलाओं की सेक्सुएलिटी तय करने वाले, आप उन्हें जो भी समझते हों, मौत के बाद भी महिलाओं को स्वतंत्र होकर जीने का हक है.

स्वरा ने फिल्म के आखिरी सीन को बहुत ज्यादा असहज बताया, जिसमें अभिनेत्री दीपिका पादुकोण (रानी पद्मावती) कुछ महिलाओं के साथ जौहर कर रही थीं.

उन्होंने कहा, महिलाएं चलती फिरती योनि मात्र नहीं हैं. हां, उनके पास योनि है, लेकिन उनके पास उससे भी ज्यादा बहुत कुछ है. उनकी पूरी जिंदगी योनि पर ही ध्यान केंद्रित करने, उस पर नियंत्रण करने, उसकी रक्षा करने और उसे पवित्र बनाए रखने के लिए नहीं है.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

उन्होंने कहा, अच्छा होता अगर योनि सम्मानित होती. लेकिन दुर्भाग्यवश अगर वो पवित्र नहीं रही तो उसके बाद महिला जीवित नहीं रह सकती, क्योंकि एक मर्द ने बिना उसकी सहमति के उसकी योनि का अपमान किया है.

स्वरा ने कहा कि उन्हें उम्मीद थी कि भंसाली अपनी इस फिल्म में 'सतीप्रथा' और 'जौहर' की कुछ हद तक निंदा करेंगे.

उन्होंने लिखा, आपका सिनेमा मुख्य रूप से प्रेरणाशील, उद्बोधक और शक्तिशाली है. ये अपने दर्शकों की भावनाओं को नियंत्रित करता है. ये सोच को प्रभावित कर सकता है और सर, आप अपनी फिल्म में जो दिखा रहे हैं और बोल रहे हैं, इसके लिए सिर्फ आप ही जिम्मेदार हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×