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लीची जहरीली है, बिहार में बच्चों की मौत की असली वजह- नई स्टडी

अगर लीची के शौकीन हैं तो ये रिसर्च जरूर पढ़िए, सबके लिए जहरीली नहीं है लीची लेकिन खतरा तो है

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2014 में बिहार के मुज्जफरपुर में एक दुखद घटना हुई. 15 साल और उससे कम उम्र के तकरीबन 390 बच्चे स्थानीय श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज अस्पताल और कृष्णादेवी देवीप्रसाद केजरीवाल मैटरनिटी अस्पताल में भर्ती करा गए. बच्चों को मस्तिष्क संबंधी बीमारी थी और उनमें से 122 बच्चों की मौत हो गई. बाद में पश्चिम बंगाल के मालदा में भी इस तरह की केस सामने आए.

अगर लीची के शौकीन हैं तो ये रिसर्च जरूर पढ़िए, सबके लिए जहरीली नहीं है लीची लेकिन खतरा तो है
मालदा के एक अस्पताल में बच्चे को भर्ती कराने आया परिवार. (फाइल फोटो: इंडियन एक्सप्रेस)
बिहार में कुल 30,600 हेक्टेयर भूमि में लीची की खेती की जाती है.
देश के कुल लीची उत्पादन में बिहार की हिस्सेदारी 65 प्रतिशत से ज्यादा
मौत की वजह किसी के समझ में नहीं आ रही थी. लगभग दो दशक से इस तरह की मौतें मुजफ्फरपुर में हो रही थीं, सरकारी आंकड़ों के मुताबिक लगभग 1 हजार बच्चों की मौत इस वजह से हो चुकी है. 3 साल बाद 122 बच्चों की मौत का रहस्य सुलझता हुआ नजर आ रहा है.

अब नेशनल सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल (NCDC) और यूएस सेंटर ऑफ डिजीज कंट्रोल ने इस मामले पर अपनी रिसर्च के नतीजों को पब्लिक किया है. बच्चों की मौत की वजह दिमागी बुखार को बताया गया है जो खाली पेट लीची खाने से हुई.

रिसर्च के मुताबिक- लीची क्यों है जहरीली?

26 मई और 17 जुलाई 2014 के बीच 122 बच्चों की मौत हुई, 327 बच्चे अस्पताल में भर्ती कराए गए थे जिसमें से 204 बच्चों का ग्लूकोज लेवल 70mg/dl या उससे कम था. जबकि मेडिकल साइंस के मुताबिक शरीर में शुगर की मात्रा 108mg/dl से 140 mg/dl के बीच रहना चाहिए. रिसर्च में ये सामने आया कि बीमार बच्चे रात को खाना नहीं खाते थे और उसके बदले लीची खाते थे. जांच में लीची में किसी तरह के केमिकल या कीटनाशक रसायन नहीं मिले. लीची के सैंपल की जांच के बाद ये पाया गया कि खाली पेट में लीची खाने से ही बच्चों की तबीयत बिगड़ी.

शाम का खाना नहीं खाने से रात को हाइपोग्लाइसीमिया मतलब लो-ब्लड शुगर होने की संभावना रहती है. ये खतरा उन बच्चों में ज्यादा देखा जाता है जिनके लीवर और मांसपेशियों में ग्लाइकोजन, ग्लूकोज की मात्रा कम होती है. शुगर लेवल कम होने से शरीर में कमजोरी महसूस होती है क्योंकि जो फैटी एसिड शरीर में एनर्जी बनाते हैं वो सही तरीके से काम नहीं कर पाते. अब ऐसे में खाली पेट अगर लीची खा लिया जाए तो वो जहर का काम करता है. लीची में hypoglycin A और MPCG नाम का जहरीला पदार्थ पाया जाता है. भूखे पेट लीची खाने से ये दोनों पदार्थ शरीर में फैटी ऐसिड बनने से रोक देते हैं. नतीजन ब्लड- शुगर लेवल गिरता है और दिमागी बुखार और मस्तिष्क संबंधी दिक्कतें होने लगती हैं. ऐसे केस में दौरे भी पड़ते हैं.

मुजफ्फरपुर की शाही लीची देश के प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति के साथ-साथ अन्य वीआईपी लोगों को भी जिला प्रशासन के द्वारा गिफ्ट के रूप में भेजी जाती है. लीची किसान एक सीजन में 2 हजार करोड़ तक का कारोबार करते हैं ऐसे में लीची को लेकर रिसर्च के नतीजे मुजफ्फरपुर की लीची का शान कम कर सकता है.

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