10 नवंबर को छठ पर्व (Chhath Pooja)) का मुख्य दिन है. व्रती महिलाएं डूबते हुए सूरज को अर्घ्य देंगी और 11 नवंबर को सुर्योदय के समय उगते हुए सूरज को अर्घ्य देकर इस व्रत का समापन हो जाएगा. राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने देशवासियों को छठ पूजा की बधाई देते हुए त्योहार को सूर्य और प्रकृति के साथ भक्तों के संबंधों की अनूठी अभिव्यक्ति करार दिया.
छठ पूजा देश के प्राचीनतम त्योहारों में से एक है, इसकी महत्ता अस्त होते हुए सूर्य को 'अर्घ्य' देने में निहित है. छठ पूजा के मौके पर श्रद्धालुगण कठोर उपवास के बाद नदियों और जलाशयों में पवित्र स्नान करके इस पूजा का समापन करते हैं. इस प्रकार यह पर्व, सूर्यदेव और समूची प्रकृति के साथ हमारे अंत: संबंध को दर्शाने का अनूठा अवसर होता है."
व्रतियों ने मंगलवार को खरना किया, खरना के साथ ही व्रतियों का 36 घंटे तक का निर्जला उपवास शुरू हो गया. पटना के गंगा तटों पर व्रती बड़ी संख्या में जुटे. कई व्रतधाारी गंगा के तट पर या जलाशयों के किनारे खरना करते हैं जबकि कई अपने घरों में ही विधि-विधान से भगवान भास्कर को भोग लगाकर खरना करते हैं. खरना के साथ ही पूरा माहौल भक्तिमय हो गया है.
पटना में खास तैयारी
छठ को लेकर पटना के गंगा तट पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं. छठ घाटों को पूरी तरह सजाया संवारा गया है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 10 दिनों के अंदर तीन बार गंगा में बन रहे छठ घाटों का निरीक्षण किया है और किसी प्रकार की कमी को दूर करने के निर्देश अधिकारियों को दिए थे.
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