ADVERTISEMENTREMOVE AD

मां तुझे सलाम...

लक्ष्मी और आलोक के घर आई खूबसूरत पीहू

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

जब 28 साल के आलोक दीक्षित पहली बार लक्ष्मी से मिले थे तो वो उसके जज्बे को देखकर हैरान थे. लक्ष्मी के सपने जिंदा थे, उनपर उस खतरनाक केमिकल का असर नहीं हुआ था जिसने लक्ष्मी का चेहरा बिगाड़ दिया था.

आहिस्ते आहिस्ते दोस्ती हुई, फिर लक्ष्मी आलोक की हमसफर बन गई. हाल ही में इस कपल ने ये ऐलान किया है कि वो माता-पिता बन गए हैं. उनके घर मार्च में एक बिटिया का जन्म हुआ है जिसका नाम उन्होंने पीहू रखा है.

पीहू पपीहा पक्षी के चहकने को कहा जाता है, और इस पीहू की हंसी भी लक्ष्मी के लिए खुशियों की बयार लेकर आई है. कुछ महीनों पहले अपने भाई और पिता के निधन के बाद लक्ष्मी खुद को संभालने की कोशिश में लगी थी.

आलोक जो एक पत्रकार से सामाजिक कार्यकर्ता बने हैं अब लक्ष्मी के साथ मिलकर एसिड अटैक पीड़ितों की मदद के लिए काम करते हैं. दोनों ‘Stop Acid Attack Campaign’ चलाते हैं.

आलोक और लक्ष्मी हमसफर तो हैं पर इन्होंने शादी नहीं की है. जो कभी कभी उनकी लिए परेशानी भी खड़ी कर देता है क्योंकि वो कानपुर में रहते हैं.

आलोक और लक्ष्मी को दरअसल शादी का आइडिया रास ही नहीं आया. वजह ये थी कि ज्यादातर एसिड अटैक पीड़ितों पर हमला शादी का प्रस्ताव ठुकराने के बाद किया गया था.

आलोक के लिए अपना मां को मनाना इतना आसान नहीं था. आलोक की मां तो कुछ सालों पहले एक सुंदर बहू की तलाश में लगी थी.

लेकिन लक्ष्मी की आपबीती और उसके सरल स्वभाव ने आलोक की मां की सोच बदल दी. अपने बेटे की पसंद को उन्होंने भी अपना लिया.

पीहू अपना ज्यादातर समय एनजीओ छांव (जो स्टॉप एसिड अटैक का ऑफिस भी है) में गुजारती है. आलोक कहते हैं कि पीहू की वजह से लक्ष्मी और उनका रिश्ता और मजबूत हुआ है.

आलोक को लगता है कि पीहू का बचनप खास होगा क्योंकि उसके माता पिता एक नेक काम कर रहे हैं. पीहू को बचपन से ही लक्ष्मी और अपने पिता के दर्द का एहसास होगा.

अलोक गर्व से इस बात का भी जिक्र करते हैं जब पीहू की मां को अमेरिका की फर्स्ट लेडी मिशेल ओबामा से International Women of Courage Award का अवॉर्ड मिला था.

लक्ष्मी एक कलाकार भी है. और आलोक को ये यकीन है कि उनकी बिटिया पीहू अपनी मां से ही सारे हुनर सीखेगी उनसे नहीं!

आलोक जानते हैं कि जो भी इंसान पहली बार एसिड अटैक पीड़ित से मिलता है वो अंदर से कांप जाता है. आलोक बताते हैं उन्हें भी ऐसा लगा था. लेकिन लक्ष्मी का साथ देने की ये वजह नहीं थी. आलोक और लक्ष्मी के बीच इमोशनल रिश्ता था जिसपर उन्हें हमेशा गर्व होगा.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
×
×