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National youth Day 2024: राष्ट्रीय युवा दिवस कब, जानें इस साल की थीम, इतिहास व महत्व

National youth Day 2024 Theme: राष्ट्रीय युवा दिवस हर साल एक अलग थीम के साथ मनाया जाता हैं. इस साल राष्ट्रीय युवा दिनस की थीम, इट्स ऑल इन द माइंड जिसका हिंदी में अर्थ हैं सब कुछ आपके दिमाग में हैं.

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National youth Day 2024 Theme and History: भारत में स्वामी विवेकानंद (Swami Vivekananda Jayanti 2024) का जन्मदिन हर साल 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस (Rashtriya Yuva Diwas) के रूप में मनाया जाता है. इस साल 40वाँ राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जाएगा. भारत सरकार ने 12 जनवरी 1984 से राष्ट्रीय युवा दिवस मनाने का ऐलान किया था, जिसके बाद से हर साल राष्ट्रीय युवा दिवस मनाया जानें लगा. इसे मनाने का उद्देश्य स्वामी विवेकानन्द के विचारों को युवाओं तक पहुंचाया था.

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स्वामी विवेकानंद युवाओं को समाज सुधार, उच्च विचार और उदार सोच के मार्गदर्शक के रूप में प्रेरित करते हैं. स्वामी विवेकानंद का शिकागो में दिया भाषण आज भी सबके बीच प्रसिद्ध है, जहां उन्होंने भारत और सनातन धर्म को गहराई को बताया था.

National youth Day 2024 Theme: नेशनल यूथ डे की थीम

राष्ट्रीय युवा दिवस (National youth Day) हर साल एक अलग थीम के साथ मनाया जाता हैं. इस साल राष्ट्रीय युवा दिनस की थीम, इट्स ऑल इन द माइंड जिसका हिंदी में अर्थ हैं सब कुछ आपके दिमाग में हैं. नेशनल यूथ डे के मौके पर पर्यटन मंत्रालय व रामाकृष्ण मठ, रामाकृष्ण मिशन द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किये जाते है. इसके अलावा स्कूल व कॉलेजों में भी कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन होता है. स्वामी विवेकानंद पर भाषण प्रतियोगिता, गीत, निबंध लेखन आदि का आयोजन किया जाता है.

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Swami vivekananda biography: स्वामी विवेकानंद के जीवन से जुड़ी बातें

  • स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता में हुआ था.

  • विवेकानंद का असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था और ये विख्यात आध्यात्मिक गुरु थे.

  • विवेकानंद जब 25 साल के थे, तभी इन्होंने सांसारिक मोह माया का त्याग कर दिया और संन्यासी बन गए.

  • 1897 में इन्होंने कोलकाता में रामकृष्ण मिशन और 1898 में गंगा नदी के किनारे बेलूर में रामकृष्ण मठ की स्थापना की .

  • अपनी मृत्यु से दो साल पहले 1900 में स्वामी विवेकानंद यूरोप से आखिरी बार भारत आए और बेलूर की ओर चल पड़े.

  • उन्होंने अपना अंतिम समय शिष्यों के साथ बिताया और 04 जुलाई 1902 को विवेकानंद ने अंतिम सांस ली.

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