ADVERTISEMENTREMOVE AD

क्यों बच्चे हो रहे हैं आउटडोर गेम्स से दूर?  

रिसर्च में 12 हजार ऐसे पैरेंट्स को शामिल किया गया जिनके कम से कम एक बच्चे की उम्र 5 से 12 साल के बीच है.

story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

भारत में बच्चों को घर से बाहर खेलने (आउटडोर गेम्स) के मौके उनके माता-पिता के बचपन की तुलना में कम मिलते हैं.

10 देशों किए गए सर्वे में पाया गया कि दुनियाभर में लगभग आधे बच्चे सिर्फ एक घंटे या इससे भी कम समय तक अपने घर के बाहर खेलते हैं. रिसर्च में 12 हजार ऐसे पैरेंट्स को शामिल किया गया जिनके कम से कम एक बच्चे की उम्र 5 से 12 साल के बीच है.

ये सर्वे मार्केट रिसर्च फर्म एडलमान इंटेलिजेंस ने फरवरी से मार्च 2016 के बीच 10 देशों- भारत, अमेरिका, ब्राजील, ब्रिटेन, तुर्की, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका, वियतनाम, चीन और इंडोनेशिया में किया.
ADVERTISEMENTREMOVE AD

रिसर्चर्स ने पाया कि भारत में 56 फीसदी अभिभावकों का ऐसा मानना है कि उनके बच्चों को बाहर खेलने के मौके कम मिलते हैं, वो इसकी तुलना खुद के बचपन से करते हैं.

जानकारों का क्या कहना है?

गुरुग्राम में कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल में क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट डॉ. श्वेता शर्मा ने कहा, बच्चों का शारीरिक ऊर्जा स्तर काफी अधिक होता है और इसलिए उनके लिए आउटडोर खेल और एक्टिविटिज बहुत अहम होती हैं. इससे वे प्रैक्टिकली सिखते हैं और उनके दिमाग का अधिक इस्तेमाल भी होता है.

उन्होंने कहा, जब वे घर में ही बंद रहते हैं तो उनके इम्यून सिस्टम (रोग-प्रतिरोधक प्रणाली) का विकास कम होता है. चाइल्ड डेवलपमेंट के सेक्टर में काम करने वाले गैर सरकारी संगठनों को अभिभावकों और स्कूलों के साथ मिलकर बच्चों को ज्यादातर आउटडोर एक्टिविटिज करवाने के तरीके खोजने चाहिए.

12 अक्टूबर को ग्लोबल आउटडोर क्लासरुम डे

आउटडोर गेम्स के कम होते वक्त पर दिल्ली के एक NGO ने देशभर के टीचर्स से आग्रह किया है कि वो ग्लोबल आउटडोर क्लासरुम डे पर इस साल 12 अक्टूबर को कम से कम एक क्लास, क्लासरूम से बाहर लें.

एक्शन फॉर चिल्ड्रन्स एन्वायरनमेंट (ACE) की सीईओ सुदेशना चटर्जी ने कहा, हम टीचर्स, पैरेंट्स और बच्चों की परवाह करने वाले सभी लोगों से 12 अक्टूबर 2017 को इस अभियान से जुड़ने का अनुरोध करते हैं.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: 
सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×