प्रिय सैनिकों,
यह लेटर मेरे तमाम हीरो के लिए है. एयरफोर्स, नेवी और आर्मी के तमाम उन जवान हीरो के लिए जिनकी वजह से हम सुरक्षित हैं. आपकी कड़ी लगन और मेहनत के कारण ही हम शांति से रह रहे हैं. आपकी प्रतिबद्धता की वजह से ही भारत दुनिया में सबसे मजबूत माना जाता है. हम जानते हैं कि जीवन के सभी सुखों को छोड़कर हमारे लिए लड़ना, हमारी रक्षा करना कितना चुनौतीपूर्ण है. साथ ही राजनीतिक हस्तक्षेप को भूलाकर देश की सेवा में हमेशा तैयार रहना भी आसान काम नहीं है.
हम जानते हैं कि युद्ध लड़ने और देश की सीमाओं की रक्षा करने में आपकी मदद करने के लिए आपके पास सबसे अच्छे सैन्य उपकरण और गोला-बारूद भी नहीं है. लेकिन बावजूद इसके आप डटे हुए हैं. आपने हमारे लिए लड़ने और देश की रक्षा के लिए अपने जीवन को समर्पित किया है. हमारे दिलों में आपके लिए काफी सम्मान है और हम दिल से आपका सलाम करते हैं.
आपकी बहादुरी को हमारा सलाम!
'संदेश To A Soldier' क्या है?
आप एक सैनिक से क्या कहेंगे, जिसने अपनी छुट्टियों, जन्मदिन, सालगिरह, अपने बच्चे के जन्म और ऐसे कई मौकों को गंवा दिया, सिर्फ इसलिए ताकि वो अपनी ड्यूटी निभा सके?
इस गणतंत्र दिवस क्विंट आपसे, देश के नागरिकों से गुजारिश करता है कि भारत के जांबाज हीरो- सैनिक के नाम अपना संदेश लिखकर या रिकॉर्ड करके भेजिए. क्विंट अपनी वेबसाइट पर एक इंटरैक्टिव ऐप के जरिए इन सभी संदेशों को एक ही जगह पर दिखाएगा.
'संदेश To A Soldier' की जरूरत क्यों?
भारतीय गणतंत्र और देश में जिस सुरक्षित माहौल में हम जीते हैं, उसका जश्न मनाने के लिए क्विंट सैनिकों की प्रतिबद्धता और बहादुरी को सेल्यूट करना चाहता है. अपनी जिम्मेदारी को नि:स्वार्थ तौर पर निभाने, महीनों तक अपने परिवार से दूर रहने, अपने बच्चे का स्कूल में पहला दिन मिस करने, या अपने बूढ़े माता-पिता की मदद करने को उनके आस-पास मौजूद न होने के लिए क्विंट उन्हें सेल्यूट करना चाहता है.
'संदेश To A Soldier' के जरिए क्विंट भारतीय नागरिकों को उन सैनिकों से जोड़ना चाहता है, जिन्हें वे कभी नहीं जानते होंगे. ये खामोशी से उनका आभार जताने का एक तरीका, उनकी तारीफ का एक टोकन और देशभक्ति भरी एक कवायद है.
जय हिन्द!
'संदेश To A Soldier' कैसे भेजें?
ये बहुत आसान है. बस एक चिट्ठी लिखें या अपना संदेश रिकॉर्ड करें और इसे myreport@thequint.com पर ईमेल करें या 9999008335 पर वॉट्सऐप कर
(सभी माई रिपोर्ट सिटिजन जर्नलिस्टों द्वारा भेजी गई रिपोर्ट है. द क्विंट प्रकाशन से पहले सभी पक्षों के दावों/आरोपों की जांच करता है, लेकिन रिपोर्ट और इस लेख में व्यक्त किए गए विचार संबंधित सिटिजन जर्नलिस्ट के हैं, इससे क्विंट की सहमति जरूरी नहीं है.)
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