उत्तर प्रदेश में फिरोजाबाद (Firozabad) के थाना उत्तर के मोहल्ला दम्मामल निवासी सुजीत की 12 वर्षीय बच्ची की इलाज के अभाव में मौत हो गई. सुजीत पंचायत राज विभाग में सफाई कर्मी के पद पर तैनात है.
लगातार लगाए अधिकारियों के चक्कर
4 महीने पहले सुजीत को पंचायती राज विभाग द्वारा निलंबित किया गया था, जिसके कारण परिवार के भरण-पोषण के लिए मिलने वाला आधा वेतन भी नहीं दिया जा रहा था. सुजीत ने आरोप लगाया कि उसने अपनी बीमार बच्ची को लेकर कई बार अधिकारियों के चक्कर लगाए, लेकिन उसे कोई मदद नहीं मिली. रोजाना विभाग के लोगों ने सुजीत को दौड़ाया लेकिन कोई निष्कर्ष नहीं निकला. अपनी बीमार बच्ची के इलाज के लिए कई प्रयास किए लेकिन किसी ने नहीं सुनी. बाद मे इलाज के अभाव में हुई बच्ची की मौत हो गई.
परिजनों ने आर्थिक तंगी को बच्ची की मौत का कारण बताया. परिजनों ने विकास भवन के सामने मृत बच्ची का शव रखकर प्रदर्शन किया. पीड़ित सुजीत के मुताबिक,
"मैं ग्राम पंचायत विभाग में कार्यरत हूं, मेरा वेतन रोक दिया गया जिससे मैं अपने बच्चे का इलाज तक नहीं करा पाया. नौ महीने से मेरा वेतन नहीं आया और पैसे के अभाव में मैं बच्चे का इलाज नहीं करा पाया. सीडीओ सहाब से बताया तो मुश्किल से एक महीने का वेतन आया था, तब साथ में बच्चे को भी लेकर आया था. पैसे के अभाव में अस्पताल तक में भर्ती तक नहीं करा सका."
इस मामले को लेकर जिला विकास अधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह यादव ने बताया कि,
'अभी संज्ञान में आया कि ये पंचायती राज विभाग में बतौर सफाई कर्मी तैनात है और यह नौ महीने से निलंबित है. इनको जीवन निर्वाह भत्ता नहीं मिला है. मामला संज्ञान में आने के बाद इन्हें निश्चित रूप से जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने का प्रयास किया जाएगा.'
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)