दुनिया भर में, छह रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र (आरएसएमसीएस) और पांच रीजन ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निग सेंटर्स (टीसीडब्ल्यूसीएस) हैं। ये सभी उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को लेकर परामर्श और इनके नाम जारी करते हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग 13 सदस्य देशों को उष्णकटिबंधीय चक्रवात और तूफान वृद्धि से जुड़ी सलाह देने वाले छह रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र में से एक है। इसमें बांग्लादेश, भारत, ईरान, मालदीव, म्यांमार, ओमान, पाकिस्तान, कतर, सऊदी अरब, श्रीलंका, थाईलैंड, यूएई और यमन शामिल हैं।
इस सूची में प्रत्येक 13 सदस्य देशों के लिए 13 चक्रवातों के नाम शामिल हैं। भारत के नाम में गती, तेज, मुरासु, आग, व्योम, झार, प्रोबाहो, नीर, प्रबंजन, घुन्नी, अंबुद, जलधि और वेगा शामिल हैं, जबकि चक्रवातों के कुछ बांग्लादेशी नाम निसारगा, बिप्रजॉय, अर्नब और उपकुल हैं।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने बयान जारी कर कहा, "विभिन्न महासागर पर बनने वाले उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नाम संबंधित रीजनल स्पेस्लाइजड मौसम विज्ञान केंद्र और रीजन ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निग सेंटर द्वारा रखा गया है।"
आईएमडी ने आगे कहा, "बंगाल की खाड़ी और अरब सागर सहित उत्तर हिंद महासागर के लिए उष्णकटिबंधीय चक्रवातों के नाम एक मानक प्रक्रिया का पालन करते हुए नई दिल्ली स्थित रीजन ट्रॉपिकल साइक्लोन वार्निग सेंटर ने प्रदान किया है।"
--आईएएनएस
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)