इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनावों के रिजल्ट सामने आ चुके हैें. चुनावों में समाजवादी छात्र सभा ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. छात्र सभा ने प्रेसिडेंट और वाइस प्रेसिडेंट सहित कुल 5 पदों में से चार पर जीत दर्ज की है.
छात्र सभा के अवनीश यादव प्रेसिडेंट बने हैं. वहीं वाइस प्रेसिडेंट चंद्रशेखर चौधरी इलेक्ट हुए हैं. ज्वाइंट सेक्रेटरी के पद पर भी छात्र सभा के भरत सिंह ने दर्ज की.
प्रेसिडेंट चुने गए अवनीश यादव को 3226 वोट मिले. वहीं दूसरे नंबर पर रहे मृत्युंजय परमार को 2674 और तीसरे नबंर पर रही ABVP की प्रियंका को 1588 वोट मिले.
वाइस प्रेसिडेंट पद पर इलेक्ट हुए चंद्रशेखर को 2249 वोट मिले. उन्होंने 2177 वोट हासिल करने वाले सुमित तिवारी को हराया. तिवारी ABVP के कैंडिडेट थे.
ABVP ने एक पद पर जीत हासिल की है. ABVP के निर्भय ने महामंत्री पद हासिल किया है. चुनावों में NSUI का खाता भी नहीं खुल सका.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के चुनावों को लेकर पिछले एक महीने से हलचल मची हुई थी. चुनावों में धनबल की शिकायतें भी सामने आईं. इनमें लिंगदोह कमेटी की सिफारिशों की जमकर धज्जियां उड़ाई गईं.
यूनिवर्सिटी चुनाव के लिए पार्टियों ने पूरी ताकत झोंक दी थी. समाजवादी पार्टी ने अखिलेश यादव से नामांकित टीम को प्रचार के लिए उतारा था. वहीं एक दिन पहले तक बीजेेपी के कई मंत्री औऱ विधायक यूनिवर्सिटी की गतिविधियों पर नजर बनाए हुए थे.
अभी तक के चुनावों का ट्रेंड
2005 से यूनिवर्सिटी में छात्रसंघ चुनाव बंद हो गए थे.2012 में इनकी दोबारा शुरूआत हुई. अभी तक हुए चुनावों में समाजवादी छात्रसभा और ABVP का ही वर्चस्व रहा है. 2012, 2014 और 2017 में समाजवादी छात्रसभा का कैंडिडेट प्रेसिडेंट बना है.
वहीं 2015 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर रिचा सिंह ने जीत दर्ज की थी. उन्हें भी समाजवादी छात्रसभा का समर्थन प्राप्त था. रिचा सिंह इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की पहली महिला प्रेसिडेंट थीं. उन्होंने बाद में समाजवादी पार्टी ज्वाइन की और विधानसभा चुनाव भी लड़ा था.
पिछले चुनावों ABVP ने दिखाया था दम
2016 के पिछले चुनावों में पहली बार ABVP का कैंडिडेट प्रेसिडेंट बना. चुनाव काफी रोमांचक था. ABVP के रोहित मिश्रा ने समाजवादी छात्रसभा के अजीत यादव को केवल 95 वोट से हराते हुए प्रेसिडेंट पोस्ट हासिल की थी. इसके अलावा ज्वाइंट सेक्रेटरी की पोस्ट पर भी ABVP ने कब्जा किया था.
इलाहाबाद यूनिवर्सिटी की स्थापना 23 सितंबर, 1887 को हुई थी. यह भारत की चौथी सबसे पुरानी यूनिवर्सिटी है.
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