नई दिल्ली, 26 सितंबर (आईएएनएस)| सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रंजन गोगोई ने अयोध्या विवाद मामले को लेकर कहा कि यदि इस पर हम चार हफ्तों में फैसला दे सके तो यह अपने आप में चमत्कार होगा। मुख्य न्यायाधीश ने हिंदू और मुस्लिम पक्ष के वकीलों से कहा है कि वह राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद विवाद को लेकर अपनी दलीले 18 अक्टूबर तक हर हाल में पूरी कर लें।
अयोध्या में 2.77 एकड़ में फैली जमीन को लेकर विवाद है। हिंदू और मुस्लिम पक्ष दोनों इस पर अपना अधिकार चाहते हैं। इसी को लेकर अयोध्या मामले में पांच न्यायधीशों की एक संवैधानिक पीठ रोजाना सुनवाई कर रही है।
सुनवाई के कार्यक्रम के अनुसार, शीर्ष अदालत मामले से जुड़ी सभी अधिकांश दलीलों को 4 अक्टूबर तक सुनना चाहती है और इससे आगे की दलीलों को दशहरा की छुट्टियों के बाद फिर से 14 अक्टूबर तक पूरा करने की योजना बनाई गई है। 18 अक्टूबर को सुनवाई पूरी होनी है, इस हिसाब से सुनवाई समाप्त करने के लिए फिर 5 दिन बच जाएंगे।
मुख्य न्यायाधीश ने इस मामले में शामिल पक्षों के वकीलों को समय के सावधानीपूर्वक आवंटन की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "हमारे पास समय सीमा के भीतर दलीलों को समाप्त करने के लिए 10 और आधा दिन हैं।"
सुन्नी वक्फ बोर्ड की तरफ से पैरवी कर रहे वरिष्ठ वकील राजीव धवन ने समय सीमा को पूरा करने के लिए एक घंटे की अतरिक्त सुनवाई बढ़ाने और शनिवार के दिन भी सुनवाई करने का सुझाव दिया।
इस पर अदालत ने कहा कि वह किसी भी पक्ष को अपनी दलीलें पूरी करने के लिए 18 अक्टूबर से पहले एक भी अतिरिक्त दिन प्रदान नहीं कर सकता।
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