बाबरी मस्जिद के मामले में लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती को बड़ा झटका लगा है. आडवाणी समेत 12 लोगों पर आपराधिक मुकदमा चलाने पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है. इस मामले में कल्याण सिंह को राहत मिली है. गवर्नर पद पर होने की वजह से उनपर फिलहाल केस नहीं चलेगा.
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने रोजाना सुनवाई के आदेश दिए हैं. साथ ही कोर्ट ने कहा कि स्पेशल कोर्ट 2 साल में मामले की सुनवाई पूरी करे. ये ही नहीं, सुप्रीम कोर्ट ने रायबरेली से लखनऊ केस को ट्रांसफर कर दिया गया है.
सुप्रीम कोर्ट ने मामले से जुड़े जजों के तबादले पर रोक लगा दी है. साथ ही सीबीआई को आदेश दिया है कि इस मामले में रोज उनका वकील कोर्ट में मौजूद रहे.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा कि इसमें कोई साजिश नहीं थी और वो अयोध्या, गंगा और तिरंगे के लिए कोई भी सजा भुगतने के लिए तैयार हैं.
इधर, कांग्रेस ने उमा भारती और कल्याण सिंह के इस्तीफे की मांग की है.
क्या है मामला?
दरअसल बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, कल्याण सिंह, मुरली मनोहर जोशी और अन्य नेताओं पर से आपराधिक साजिश रचने के आरोप हटाए जाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई कर रहा था. ये सुनवाई सीबीआई की उस याचिका पर हो रही थी जो मई 2010 के इलाहाबाद हाईकार्ट के फैसले के खिलाफ दायर की गई है. इस फैसले में 6 दिसंबर 1992 को यूपी के अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस में आडवाणी और अन्य पर आपराधिक साजिश के आरोप को खारिज कर दिया गया था.
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