राजग के विधायकों की बैठक के सहनी के वहिष्कार के निर्णय के बाद उनके ही विधायक उनके फैसले पर सवाल उठाने लगे। इसके बाद सहनी डैमेज कंट्रोल में जुट गए हैं।
कहा भी जा रहा है कि वीआईपी के चार विधायकों में से तीन विधायकों की पृष्ठभूमि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की रही है। सहनी के विधायकों की बैठक के वहिष्कार करने के निर्णय का विरोध करने वाले विधायक राजू कुमार सिंह पहले जनता दल (युनाइटेड) में थे और फिर बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया था। पिछले साल हुए चुनाव में साहिबगंज सीट जब वीआईपी के कोटे में चली गई, तब सिंह वीआईपी में चले आए और चुनाव में जीत दर्ज की।
सहनी के फैसले पर सवाल उठाने वाले विधायक मिश्री लाल यादव भी पहले भाजपा में थे। इधर, वीआईपी के विधायक सवर्णा सिंह गौरा बौराम विधानसभा से वीआईपी के विधायक हैं, जिनकी पृष्ठभूमि भी भाजपा की है। उनके ससुर सुनील सिंह भाजपा के विधान पार्षद थे।
वीआईपी के एक नेता ने भी नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर कहते हैं कि सहनी राजनीति में बहुत जल्द उंचाई पर पहुंचना चाहते हैं, जो आसान नहीं हैे।
जदयू के सांसद सुनील कुमार पिंटू ने भी सहनी को नसीहत देते हुए कहा, मुकेश सहनी अलग राह पर चले तो उनका भी हाल सांसद चिराग पासवान की तरह हो जाएगा। जिस तरह से चिराग पासवान ने राह बदली तो सभी सांसद उनके खिलाफ हो गए।
सहनी हालांकि इशारों ही इशारों में ऐसे लोगों को चेतावनी भरे हुए लहजे में बुधवार को कहा था, कुछ लोग पर्दे के अंदर रहकर हमारी पार्टी के अंदर खेल खेलना चाहते हैं। ऐसे लोगों को कहूंगा कि दम है तो पर्दे के बाहर आईए, नहीं तो पर्दे में आग लगा देंगे।
उन्होंने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि सोच समझकर कोई रणनीति बनाइएगा।
इधर, भाजपा ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय महामंत्री और बिहार भाजपा प्रवक्ता डॉ. निखिल आनंद ने कहा, भाजपा नैतिक तौर पर राजग में शामिल दलों और उनके नेताओं का सम्मान करती है। बिहार में वीआईपी पार्टी राजग सरकार का हिस्सा है तो जाहिर सी बात है कि सरकार एवं गठबंधन की निष्ठा कायम करने में उनकी भी उतनी ही जिम्मेदारी है जितनी हमारी।
उन्होंने आगे कहा, मुकेश सहनी जी की बिहार सरकार के वरिष्ठ मंत्री के तौर पर बहुमूल्य जिम्मेदारी है जिसको शानदार तरीके से करते हुए वे अपना नाम शोहरत बुलंद कर सकते है। शोषित- वंचित समाज के नायकों का हम दिल से सम्मान करते है, लेकिन वीआईपी पार्टी की उत्तर प्रदेश में जाकर अप्रत्याशित गतिविधियों से सुर्खियां बटोरने की कोशिश ठीक नहीं थी।
बहरहाल, राजग के घटक दल वीआईपी प्रमुख सहनी की राजग के प्रति नाराजगी सार्वजनिक करना अब उनके लिए ही भारी पडती दिख रही हैं, देखना है कि अब वे अपनी राजग की नाराजगी को कैसे दूर करते हैं।
--आईएएनएस
एमएनपी/आरजेएस
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