तिरुवनंतपुरम/अहमदाबाद, 10 अगस्त (भाषा) केरल और कर्नाटक में शनिवार को भी बाढ़ की स्थिति गंभीर बनी रही तथा भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से 83 लोगों की मौत हो गयी जबकि महाराष्ट्र में चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया एवं गुजरात में बारिश से जुड़ी घटनाओं में 19 लोगों की जान चली गयी।
महाराष्ट्र में बाढ़ की वजह से अबतक 12 लोगों की मौत हो गयी है। बाढ़ की सबसे अधिक मार झेलने वाले सांगली और कोल्हापुर जिलों में पानी घटने लगा है।
केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कहा कि आठ अगस्त से राज्य में वर्षाजनित घटनाओं में 57 लोगों की जान चली गयी जबकि आठ जिलों में 80 भूस्खलन हुए हैं।
मलप्पुरम के कावलप्परा और वायनाड के मेप्पाडी केपुथुमला में बड़े भूस्खलनों के बाद कई लोगों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
भारतीय मौसम विभाग ने वायनाड, कन्नौर और कसारगोड जिलों में वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि वह अपने बाढ़ प्रभावित निर्वाचन क्षेत्र वायनाड 11 अगस्त को जायेंगे।
उन्होंने दिल्ली में संवाददाताओं से कहा, ‘‘ शायद केरल कल जाऊं। मैं वहां बचाव मिशन में कोई खलल नहीं पहुंचाना चाहता। यदि मैं वहां जाऊंगा तो मैं दो दिन रहूंगा। मैंने प्रधानमंत्री, (केरल के) मुख्यमंत्री, जिलाधिकारी और राज्य के कांग्रेस कार्यकर्ताओं से बात की है।’’
सबसे प्रभावित जिलों में एक वायनाड में बाणासुरसागर बांध के चार द्वारों में एक को अतिरिक्त पानी को छोड़ने के लिए तीन बजे खोल दिया गया और काबिनी नदी के तटवर्ती क्षेत्रों के लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है।
दक्षिण रेलवे ने 23 ट्रेनें पूर्णरूपेण और पांच ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दीं । कोच्चि हवाई अड्डे के एक अधिकारी के अनुसार उड़ान संचालन रविवार पूर्वाह्न को बहाल होगा जिसे हवाई अड्डे पर पानी भर जाने से रोक दिया गया था।
अधिकारियों के अनुसार केरल में 1,24,464 लोगों को 1111 राहत शिविरों में पहुंचाया गया है। बाढ़ और बारिश की सबसे अधिक मार वायनाड और कोझिकोड पर पड़ी है जहां क्रमश: 25,0028 और 24,990 लोगों को शिविरों में ठहराया गया।
कर्नाटक में बाढ़ की स्थित और बिगड़ गयी एवं वर्षा जनित घटनाओं में मरने वालों की संख्या 24 हो गयी।
मुख्यमंत्री बी एस येदियुरप्पा ने इसे 45 सालों में सबसे बड़ी प्राकृतिक आपदा करार दिया है।
राज्य सरकार ने 6000 करोड़ रूपये के नुकसान होने का अनुमान लगाया है। येदियुरप्पा ने कहा कि उनकी सरकार ने केंद्र से 3000 करोड़ रूपये की राहत मांगी है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार सक्लेश्पुर में मरानाहल्ली के समीप कई भूस्खलन हुए। दक्षिण कन्नड़ जिले में नेत्रावती नदी के उफान पर होने के कारण पूरा पाणे मंगलुरू गांव जलमग्न हो गया।
महाराष्ट्र के बाढ़ प्रभावित हिस्सों से चार लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। सबसे अधिक प्रभावित कोल्हापुर और सांगली जिलों से 3.78 लाख लोग सुरक्षित बाहर निकाले गये हैं। वैसे अब वहां बाढ़ की स्थिति में सुधार के संकेत नजर आने लगे क्योंकि जलमग्न विभिन्न क्षेत्रों से पानी घटने लगा है।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने शनिवार को सांगली में बचाव एवं राहत अभियानों की समीक्षा की और लोगों से बातचीत की। उन्होंने उन्हें सभी तरह के सहयोग का आश्वासन दिया।
फडणवीस ने बाद में संवाददाता सम्मेलन में इस बाढ़ के लिए इस मानसून के दौरान हुई ‘अप्रत्याशित’ वर्षा को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि 2005 में जो स्थिति थी, अब उससे भी खराब स्थिति है, 2005 में मुम्बई के एक बड़े हिस्से के साथ ही राज्य के कई हिस्से पानी में डूब गये थे।
सांगली जिले के पालुस तहसील में ब्रह्मनाल गांव के समीप बृहस्पतिवार को बचाव अभियान के दौरान नौका पलट जाने की घटना में तीन और शव मिले हैं। इस हादसे में नौ व्यक्तियों की पहले ही डूबकर मौत हो गयी थी। इस तरह इस घटना में मरने वालों की संख्या 12 हो गयी है। कई अन्य के लापता होने की आशंका है।
गुजरात में वर्षाजनित घटनाओं में 19 लोगों की मौत हो गयी। राज्य में शनिवार सुबह तक 77.80 फीसद वर्षा हुई।
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा , ‘‘ 17 बांधों से पानी बह रहा है। पिछले साल मानसून के आखिर तक बांधों में बस 56 फीसद पानी था। इस साल बांधों में पहले से ही 60 फीसद पानी था।’’
इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी में शनिवार को अधिकतम तापमान 34.3 दर्ज किया गया। उच्च आर्द्रता से लोग परेशान रहे।
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