अगर आपकी आय 18 लाख रुपये तक है, तो भी घर खरीदने के लिए सरकार की सब्सिडी आपको मिल सकती है. लेकिन ध्यान रखें, इस योजना के लिए वक्त अब सिर्फ 9 महीने का ही बचा है, यानी उल्टी गिनती शुरू है.
लेकिन मध्यम ही नहीं, कम आय वालों के लिए भी सस्ते घरों का सपना अब हकीकत के काफी करीब नजर आने लगा है. सस्ते घरों की स्कीम में मध्यम आय वर्ग को भी शामिल करने से प्रधानमंत्री आवास योजना ने रफ्तार पकड़ ली है. इससे रियल एस्टेट सेक्टर को उम्मीद है कि उनके धंधे को मंदी की बीमारी दूर हो सकती है.
प्राइवेट डेवलपर्स और बिल्डर्स ने प्रॉपर्टी से सुस्त पड़े अपने कारोबार में जान डालने के लिए सरकार की मुहिम का हिस्सा बनने की लिए जोर लगा दिया है. प्रॉपर्टी डेवलपर्स को लगता है कि सस्ते घरों की स्कीम उनके बिजनेस में निवेश बढ़ाने का मुफीद तरीका हो सकती है.
डेवलपर्स और बिल्डर्स के संगठन क्रेडाई में शामिल रियल एस्टेट कंपनियों ने देशभर में सस्ते घरों के 352 प्रोजेक्ट शुरू करने का एलान किया है. इसमें करीब 38 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा.
सस्ते घरों के बड़े प्रोजेक्ट
क्रेडाई ने वादा किया है कि वो 17 राज्यों के 53 शहरों में दो लाख से ज्यादा सस्ते घर बनाएगी. इन सभी प्रोजेक्ट में कुल मिलाकर करीब 38 हजार करोड़ रुपये का निवेश होगा.
क्रेडाई के मुताबिक, महाराष्ट्र में करीब एक लाख, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में 41,921, गुजरात में 28,465, कर्नाटक में 7.37 और उत्तर प्रदेश में 6 हजार से ज्यादा घर बनाने की योजना है. लेकिन क्रेडाई के मुताबिक, देश में इस वक्त दो करोड़ घरों की कमी है और कमी दूर करने के लिए बड़े पैमाने में मुहिम छेड़ने के साथ तेज फैसले लेने होंगे.
शहरी विकास मंत्रालय अब तक 17.73 लाख सस्ते घरों के कंस्ट्रक्शन को मंजूरी दे चुका है. ये घर देश करीब सभी राज्यों में करीब 96 हजार करोड़ रुपये की लागत से बनने हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत केंद्र सरकार हर खरीदार को एक लाख से 2.35 लाख रुपये की मदद देगी.
सरकार का दावा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अब तक 82 हजार से ज्यादा घर बनाए जा चुके हैं, जिनमें करीब 62 हजार में तो लोग रहने भी लगे हैं. लेकिन सरकार इस बात से चिंतित है कि घरों के बनने की रफ्तार बहुत धीमी है.
शहरी विकास मंत्री वेंकैया नायडू ने सरकार की तरफ से रियल एस्टेट इंडस्ट्री को भरोसा दिया है कि नाबार्ड और हुडको सुनिश्चित करेंगे कि प्रधानमंत्री आवास योजना में मिलने वाले फायदे इन प्रोजेक्ट के सभी खरीदारों को मिलें.
मध्यम आय वर्ग को भी फायदा
डेवलपर्स को सबसे ज्यादा उम्मीद इसी स्कीम से है, क्योंकि इसमें मध्यम आय वर्ग यानी सालाना 18 लाख रुपये तक कमाने वालों को भी सब्सिडी स्कीम में शामिल किया गया है. इसमें सालाना 12 लाख तक आय वालों को ब्याज में 4 परसेंट सब्सिडी और 12 से 18 लाख रुपये आय वालों को भी होम लोन में 3% की सब्सिडी मिलेगी. ध्यान रहे 12 लाख रुपये आय वालों के लिए लोन की रकम 9 लाख रुपये और 18 लाख रुपये आय वालों के लिए लोन की रकम 12 लाख रुपये होगी.
प्रधानमंत्री आवास योजना: आप कैसे फायदा उठाएं
अगर आपके माता-पिता का मकान है तब भी आप इस योजना का फायदा उठा सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको तेजी से एक्शन में आना होगा, क्योंकि इसके लिए आपके पास 9 महीने का ही वक्त है. मध्यम आय वर्ग वालों के लिए हाल में लॉन्च की गई क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी स्कीम की मियाद एक साल की है और यह 1 जनवरी 2017 से शुरू हो चुकी है.
मध्यम आय वर्ग स्कीम
इस स्कीम में दो स्लैब हैं.
1) पहला स्लैब जिनकी सालाना आय 6 लाख रुपये से 12 लाख रुपये के बीच
2) दूसरा स्लैब जिनकी सालाना आय 12 लाख से 18 लाख के बीच
किसको मिलेगा फायदा
जिनके पास खुद या परिवार के सदस्य का पहले से ही घर है वो इस स्कीम का फायदा नहीं ले सकते. यहां परिवार में पति, पत्नी, अविवाहित बेटे और बेटी शामिल हैं. लोन एप्लाई करते वक्त संबंधित व्यक्ति को अपना आधार नंबर देना होगा. लेकिन गाइडलाइंस में यह भी कहा गया है कि कमाने वाले वयस्क व्यक्ति का खुद का देश में कहीं भी पक्का घर नहीं हो तो उसे इस योजना का फायदा मिलेगा.
सब्सिडी
- मध्यम आय वर्ग में पहले स्लैब में 9 लाख रुपये तक के लोन पर 4 परसेंट सब्सिडी
- दूसरे स्लैब यानी 12 से 18 लाख रुपये सालाना आय वालों को 12 लाख रुपये तक के लोन पर 3 परसेंट सब्सिडी
- निर्धारित रकम से ऊपर के लोन पर कोई सब्सिडी नहीं मिलेगी.
स्कीम कैसे काम करेगी
मान लीजिए मध्यम आय वर्ग के दूसरे स्लैब में कोई 60 लाख रुपये का घर खरीदता है. इसके लिए वो 20 परसेंट यानी 12 लाख रुपये डाउन पेमेंट कर देता है. बाकी बचे 48 लाख का लोन लेता है. लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना में 12 लाख रुपये तक के लोन पर ही ब्याज में 3 परसेंट सब्सिडी मिलेगी. बाकी 36 लाख रुपये के लोन पर सब्सिडी नहीं मिलेगी.
सब्सिडी का कैलकुलेशन कैसे होगा
मिसाल के तौर पर 12 लाख रुपये के लोन पर 3 परसेंट ब्याज सब्सिडी करीब 2.30 लाख रुपये बनती है. तो 12 लाख रुपये के लोन पर 2.30 लाख रुपये की रकम घटा दी जाएगी. बची हुई रकम यानी 9.7 लाख रुपये पर बैंक की दरों के हिसाब से ईएमआई देनी होगी. सरकार की सब्सिडी एकसाथ मिलने से ईएमआई कम हो जाएगी.
आपको फायदा ही फायदा
मोटे तौर पर लंबी अवधि में आपको ईएमआई में करीब 2000 रुपये की बचत होगी. 20 साल में आपको ब्याज में 2.5 लाख रुपये की बचत होगी.
प्रधानमंत्री आवास योजना में घर का साइज
1) मध्यम आय वर्ग- I के लिए कार्पेट एरिया करीब 970 स्क्वैयर फुट
2) मध्यम आय वर्ग- II के लिए कार्पेट एरिया 1184 स्क्वैयर फुट
लोन कहां से मिलेगा
बड़े शहरों खास तौर पर दिल्ली, मुंबई, बंगलुरु या हैदराबाद में घरों की कीमत 40 लाख से ऊपर होने की वजह से पहली नजर में मध्यम आय वर्ग के लिए यह स्कीम उतनी आकर्षक नहीं लगती. लेकिन ब्याज में एकमुश्त सब्सिडी मिलने की वजह से ईएमआई में कमी आती है और लंबी अवधि में लाखों रुपए के ब्याज में बचत होती है. सस्ते घरों पर सरकार का फोकस देखते हुए प्राइवेट डेवलपर्स भी जोर-शोर से इन योजनाओं में कूदने को तैयार बैठे हैं. लंबे वक्त से सुस्त पड़े प्रॉपर्टी बाजार के लिए बड़ा टॉनिक हो सकता है.
(अरुण पांडेय वरिष्ठ पत्रकार हैं. इस आलेख में प्रकाशित विचार उनके अपने हैं. आलेख के विचारों में क्विंट की सहमति होना जरूरी नहीं है.)
यह भी पढ़ें:
Aamby Valley होगी नीलाम, सुब्रत रॉय 28 अप्रैल को हाजिर हों- SC
मुफ्त शिक्षा के बावजूद पेरेंट्स को सरकारी स्कूल पसंद नहीं
WhatsApp के जरिये द क्विंट से जुड़िए. टाइप करें “JOIN” और 9910181818 पर भेजें.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)