छत्तीसगढ़ (Chattisgargh) राज्य सरकार ने सिगरेट, तंबाकू, गुटखा जैसी नशे की चीजों के विज्ञापनों पर रोक लगा दी है. प्रदेश के सभी नगरीय निकायों को नशे का प्रचार करने वाले विज्ञापनों की होर्डिंग्स हटाने के निर्देश दिए गए हैं. निर्देश के मुताबिक सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 का कड़ाई से पालन करने और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के लिए कहा गया है.
सभी निगम आयुक्तों, नगर पालिका के सीएमओ और नगर पंचायत के सीईओ को जारी पत्र में कहा गया है कि तंबाकू उत्पादों के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूकता लाने और कोटपा 2003 के प्रावधानों का पालन करने के लिए राष्ट्रीय तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम का संचालन सभी जिलों में किया जा रहा है.
देश के युवाओं को तंबाकू सेवन से बचाने के लिए 2003 में सदन में सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद विज्ञापन पर रोक और व्यापार एवं वाणिज्य उत्पादों से संंबंधित अधिनियम कोटपा लागू किया गया है. यह एक राष्ट्रीय कानून है और देश के सभी राज्यों को इसका पालन करना है.
तंबाकू से होने वाली बीमारियों से हर साल 12 लाख से अधिक लोगों की मौत हो रही है. इसी तरह एक सर्वे के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 39 प्रतिशत से ज्यादा लोग किसी न किसी प्रकार से तंबाकू का सेवन कर रहे हैं.
तंबाकू के दुष्परिणाम बताने वाले विज्ञापन लगाने के निर्देश
सभी निकायों में इस कानून का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है. यह भी कहा गया है कि पान मसाला के विज्ञापन होर्डिंग्स, बस और अन्य स्थानों से हटाने के साथ ही तंबाकू से होने वाले दुष्परिणामों की जानकारी देने वाले विज्ञापन लगाए जाएं ताकि तंबाकू मुक्त राज्य बनाया जा सके.
सार्वजनिक स्थलों पर धुआं उड़ाने की भी मनाही, चेतावनी बोर्ड भी लगाना होगा
सार्वजनिक स्थलों, सरकारी और गैर सरकारी कार्यालय, शिक्षण, स्वास्थ्य संस्थानों, सिनेमा हॉल, पंचायत भवन और चौक-चौराहों पर सिगरेट पीते पाए जाने पर जुर्माना लिया जाएगा. इसी तरह तंबाकू बिक्री के स्थान पर नाबालिकों को तंबाकू बेचना दंडनीय अपराध है का बोर्ड भी लगाना होगा. कोटपा एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसमें धारा 4 सार्वजनिक स्थल में ध्रूमपान पर प्रतिबंध
धारा 5: सिगरेट, अन्य तंबाकू उत्पादों के विज्ञापन पर प्रतिबंध, धारा 6: नाबालिगों और शैक्षणिक संस्थानों के आस-पास सिगरेट या तंबाकू उत्पादों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना आदि शामिल है.
क्या सजा मिलेगी
200 रुपए का हर शख्स से जुर्माना, प्रबंधक या अधिकृत अधिकारी के लिए- सार्वजनिक स्थलों में अपराधों की संख्या के बराबर जुर्माना 2-5 साल की सजा या फिर 1-5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा, बिक्री- खुदरा बिक्री पर 1 से 2 साल की सजा, 1 से 3 हजार रुपए तक का जुर्माना लगेगा
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