वो दिन को कपड़े सिलता था और रात को लोगों को मौत के घाट उतारा करता था. दिन में ये दर्जी सबसे बड़े अच्छे से पेश आता था लेकिन रात में उसे हत्याएं करने में बहुत मजा आता था.
भोपाल पुलिस ने जब इस दर्जी को पकड़ा तो उसकी बेहरमी सुनकर पुलिस अधिकारी भी सन्न रह गए. इस दर्जी आदेश खामरा ने एक-दो नहीं बल्कि 33 लोगों की जिंदगी छीन ली.
लेकिन ये 48 साल साल का हत्यारा पुलिस के हत्थे कैसे चढ़ा इसकी भी बड़ी अजीब कहानी है..
मध्यप्रदेश पुलिस हाइवे में हत्या लूटपाट करने वाले गैंग का पता लगाने में जुटी थी. इसी बीच भोपाल के मिसरोद में एक ड्राइवर की हत्या और उसका ट्रक लूटने की घटना सामने आई. पुलिस गहराई में पहुंची तो उसे आदेश खामरा की करतूतों का पहला सुराग मिला. लेकिन तब तक वो भोपाल से भाग चुका था. आखिरकार कई दिनों की मेहनत ने पुलिस को यूपी के सुल्तानपुर तक पहुंचा दिया. जहां के जंगलों से खामरा को दबोच लिया गया
सभी हत्याओं का एक कनेक्शन
इस सिलसिले में परत दर परत कई बातें सामने आ रही हैं. सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि इन सभी हत्याओं में एक बात कॉमन थी. वो ये कि मारे गए सभी लोग या तो ट्रक ड्राइवर थे या ट्रक क्लीनर.
अादेश के साथी और इस मामले में एक और आरोपी जयकरन से जब यह पूछा गया कि वो ट्रक ड्राइवरों की ही हत्या क्यों करते थे, तो उसने हंसते हुए कहा,
उनकी जिंदगी काफी कठिन होती है. मैं उन्हें कष्ट से छुटकारा दिलाते हुए मुक्ति के रास्ते पर भेज रहा था. उन्हें मोक्ष दे रहा था.
कैसे चढ़ा पुलिस के हत्थे?
जूडो में एशियन गेम्स में ब्रॉन्ज मेडल जीतने वाली भोपाल की सिटी एसपी बिट्टू शर्मा इन हत्याओं की जांच में जुटीं थीं. उन्हें फरार खामरा पर शक हो चला था. खामरा को ढूंढने पुलिस यूपी के सुल्तानपुर पहुंच गई. जहां भोपाल की सीटी एसपी बिट्टू शर्मा ने खामरा को तीन दिन की कड़ी मेहनत के बाद पकड़ लिया.
इसी दौरान पूछताछ में आदेश खामरा ने पुलिस को एक के बाद 30 मौतों की जानकारी दी. लेकिन मंगलवार को इस मामले में खामरा ने एक और खुलासा किया जिसमें उसने 3 और हत्याओं की बात कुबूल ली.
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक खामरा से पूछताछ करना भी काफी बेचैन करने वाला है. उसे इन हत्याओं का कोई पछतावा नहीं है.
मौत का खौफनाक खेल
खामरा जिस हैवानियत के साथ लोगों की जिंदगी छीन रहा था वो रूह कंपा देने वाला था. बताते हैं की आदेश खामरा सबसे पहले ट्रक ड्राइवर से ऐसी दोस्ती करता जिससे वो उसके साथ शराब पी सके. फिर वो शराब में जहर या बेहोशी की दवा मिलाता. फिर मौका देख कर हत्या कर देता. हत्या के बाद उनकी गाड़ियों में मौजूद सामान को लूट लेता.
उन ट्रक ड्राइवर को मारने के बाद उसकी लाश नदी या दूसरे इलाकों के जंगल में फेंक देता ताकि किसी को शक ना हो. मारने के बाद वो उन लोगों के कपड़े उतार लेता जिससे मरने वाले की पहचान उजागर होने में मुश्किल हो.
कब शुरू हुआ ये पागलपन
मीडिया रिपोर्ट की माने तो खामरा ने साल 2010 में हत्या की शुरुआत की थी. वो भी महाराष्ट्र के अमरावती इलाके से. उसने सबसे पहले एक प्राइवेट कंपनी के ट्रक ड्राइवर और क्लीनर की हत्या की. खामरा ने जिन दो लोगों की हत्या की थी वे दोनों भाई थे. और बैतूल के रहने वाले थे.
फिलहाल पुलिस ने आदेश खामरा के साथ 30 साल के जयकरन प्रजापति को भी गिरफ्तार किया है. इनके पास से पुलिस को एक ट्रक, कुछ लोहे के रॉड, दवाएं और एक डायरी मिली है.
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