दिल्ली के वसंतकुंज में रहने वाले एक फाइनेंसर के तीन साल के बेटे को अगवा कर लिया गया. अगवा करने वालों ने बच्चे को छोड़ने के एवज में पांच करोड़ की फिरौती मांगी. बाद में ये सौदा दो करोड़ में तय हो गया. इससे पहले कि अगवा बेटे को छुड़ाने के लिए परिवार फिरौती की रकम अपहर्ताओं को अदा करता, पुलिस ने उन्हें दबोच लिया. हैरानी की बात ये है कि मासूम को अगवा करने की मास्टरमाइंड उसी घर में किराए पर रहने वाली 19 साल की दिल्ली यूनिवर्सिटी की छात्रा निकली. आरोपी लड़की ने अपने भाई के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.
फिलहाल पुलिस ने बच्चे को सही सलामत बरामद कर आरोपी छात्रा और उसके नाबालिग भाई को हिरासत में ले लिया है.
बदला लेने के लिए रची थी अपहरण की साजिश
पूछताछ में आरोपी छात्रा ने बताया कि उसने बच्चे का अपहरण उसके दादा से बदला लेने के लिए किया था. बच्चे के घर में करीब डेढ़ साल पहले किराए पर रहने आई आरोपी छात्रा ने बताया कि बच्चे को अपहरण करने की दो वजहें थीं. पहली, अगवा किए गए बच्चे के दादा छोटी-छोटी बातों पर उसके छोटे भाई (16 साल) को पीट देते थे, जिसका लड़की ने भाई के साथ मिलकर बदला लिया. दूसरा, उन्हें पैसे की काफी जरूरत थी.
अगस्त में रची थी अपहरण की साजिश
लड़की ने मकान मालिक के तीन साल के बेटे को अगवा करने की साजिश अगस्त में रची थी. इसके लिए उसने काफी प्लानिंग भी की थी. अगवा बच्चे को रखने के लिए उन्होंने घिटोरनी में एक कमरा लिया था. इसके अलावा फिरौती की रकम मांगने के लिए उसने WhatsApp का इस्तेमाल किया था, जो किसी मजदूर के नंबर से चलाया जा रहा था.
लड़की ने बताया कि उसने एक मजूदर का फोन लेकर अपने मोबाइल पर मिस्ड कॉल कर ली थी. इसके बाद उसने मजदूर के WhatsApp को अपने मोबाइल पर ले लिया. इसी WhatsApp से उसने फिरौती मांगी.
मूल रूप से यूपी के जौनपुर की रहने वाली लड़की दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम कर रही है. जबकि उसका छोटा भाई 12वीं की पढ़ाई कर रहा है.
अगवा बच्चे के पिता के नंबर पर आया फिरौती का WhatsApp
फिरौती की रकम मांगने के लिए अगवा बच्चे के पिता के नंबर पर WhatsApp किया गया, जिसमें लिखा था, ‘ऐसे बच्चा नहीं मिलेगा. भीड़ को घर से बाहर भेजो. तुम्हारा बच्चा हमारे पास है. जो कहा जाए, वो करो.’
मैसेज आने के बाद पीड़ित परिवार बहुत ज्यादा डर गया था. दूसरे मैसेज में पांच करोड़ की फिरौती मांगी गई थी. पिता ने इतना पैसा न होने की बात कही, जिसके बाद में सौदा दो करोड़ रुपये में तय हो गया था.
पुलिस ने कैसे खोला केस?
दक्षिण-पश्चिमी जिला डीसीपी देवेंद्र आर्य ने बताया कि वसंत कुंज में रहने वाले फाइनेंसर अनुज के तीन साल के बेटे शुभम (बदला नाम) के गायब होने की जानकारी मिली थी. जांच में पता चला कि अनुज के पास फिरौती के लिए WhatsApp पर मैसेज आया है. पांच करोड़ रुपये की फिरौती मांगी गई है. इसके बाद एसीपी रमेश कक्कड़ की निगरानी में वसंत कुंज (साउथ) संजीव कुमार की टीम बनाई गई.
इसके बाद साउथ-वेस्ट जिला पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल सर्विलांस की मदद ली. जांच में पता लगा कि जिस मोबाइल नंबर से WhatsApp मैसेज भेजा गया है, उस पर हॉटस्पॉट का इस्तेमाल किया गया है. इसे सुनीता (बदला नाम) इस्तेमाल कर रही है. पुलिस ने अनुज के घर में किराए पर रहने वाली आरोपी लड़की सुनीता, उसके छोटे भाई और उसकी मां से पूछताछ की. इसके बाद सुनीता ने सच उगल दिया और बच्चे को अगवा करने की बात कुबूल कर ली.
पुलिस ने उसकी निशानदेही पर घिटोरनी में एक कमरे से अगवा बच्चे को मुक्त करा लिया. पुलिस ने साजिश में शामिल सुनीता के छोटे भाई को भी पकड़ा है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)