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गाजियाबाद रेप केसःमौलवी ने कहा था,शोर किया तो फैमिली खत्म कर देंगे

गाजियाबाद की नाबालिग रेप पीड़िता ने सुनाई अपनी आपबीती

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गाजियाबाद के एक मदरसे में रेप की शिकार दस साल की बच्ची ने आखिरकार मंगलवार को अपनी चुप्पी तोड़ दी .

पीड़ित नाबालिग ने बताया कि शाहबाज खान नाम के एक शख्स उसका अपहरण कर पहले मदरसा ले गया और फिर वहां उसके साथ बलात्कार किया. पीड़िता ने बताया कि उसे मदरसे में लाए जाने के बाद मौलवी गुलाम शाहिद भी वहां आया और धमकी दी कि अगर वह चिल्लाई या भागने की कोशिश की, तो उसके परिवार के लोगों की जिंदगी खतरे में पड़ जाएगी.

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बता दें, दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने शुक्रवार को मौलवी को गिरफ्तार कर लिया था. इसके अलावा शाहबाज खान को अपराध कबूल करने के बाद गिरफ्त में ले लिया गया. शाहबाज को पहले नाबालिग माना जा रहा था, बाद में मालूम हुआ कि वह बालिग है.

21 अप्रैल को आखिरकार क्या हुआ था?

ये घटना 21 अप्रैल की है. पीड़िता ने बताया कि उसे पहले अपने दोस्त का फोन आया, जिसे वह पिछले कुछ महीनों से जानती थी. वह गाजियाबाद में उसका पड़ोसी था. पीड़िता ने क्विंट से बताया कि उस दोपहर वह अपनी मां के घर लौटने का इंतजार कर रही थी. तब उसे उसी नंबर से फिर से फोन आया, लेकिन इस बार दोस्त का भाई शाहबाज बात कर रहा था.

उसने मुझे बताया कि मेरा दोस्त उसके साथ है और मेरे घर के पास एक पार्क में मुझसे मिलना चाहता है. मैंने सोचा कि उससे मिल लेती हूं और लौटते समय अपने भाई के लिए कुछ आइसक्रीम और चिप्स ले आउंगी. जब मैं वहां गई तो देखा कि वहां सिर्फ मेरे दोस्त का भाई है. मैंने उससे पूछा कि मेरा दोस्त कहां है, उसने बताया कि वह थोड़ी दूर पर खड़ा है. मैंने आगे जाने से इनकार कर दिया. तो उसने मुझे आइसक्रीम  और चॉकलेट का लालच देकर आगे चलने के लिए कहा. मैंने फिर भी इनकार कर दिया. फिर उसने जबरदस्ती मेरे मुंह पर हाथ रखा और उठाकर एक ऑटो में खींच ले गया.
पीड़िता

पीड़िता ने बताया कि जब वह मदरसा पहुंच गई, तो पापा का फोन आया. फिर आरोपी ने पीड़िता को धमकाया कि अगर उसने फोन पर कुछ भी बताया, तो उसके भाई और पापा की हत्या कर दी जाएगी. डर के मारे पीड़िता ने फोन पर अपने पापा को कुछ भी नहीं बताया.

इसके बाद उसने मेरा फोन छीन लिया. वहां मदरसे में मुझे छत पर छिपा दिया. वहां मदरसे के मालिक के अलावा कुछ बच्चे भी थे. बच्चों ने मुझे देखकर उन लोगों का विरोध किया. इस पर उसने उन बच्चों को भी मारा. मदरसे के मालिक ने भी मुझे धमकाया. मेरे पूरे परिवार को मारने की धमकी दी. इसके बाद उन्होंने मुझे कुछ बिस्कुट और पीने के लिए पानी दिया. मैंने बिस्कुट खाया और फिर बहुत तेजी से नींद आ गई. रात में उठी, तो मैंने दोबारा वही पानी पी लिया. फिर नींद आ गई. सुबह उठी, तो हाथ पैरों में बहुत दर्द हो रहा था. मेरे कपड़े भी गीले थे.
पीड़िता

पीड़िता ने आगे बताया कि वहां सुबह एक लड़के ने पहनने के लिए दूसरे कपड़े दिए. पीड़िता ने कपड़े बदल लिए.

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