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गैंगस्टर गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी का दावा, क्विंट ने पड़ताल में कुछ और ही पाया?

Sidhu Moose Wala के कथित हत्यारे गोल्डी बरार की 'हिरासत' या 'गिरफ्तारी' सच क्या है?

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कुछ ही दिन पहले पंजाब के सीएम भगवंत मान ने दावा किया था कि, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के कथित मास्टरमाइंड गोल्डी बराड़ को अमेरिका में हिरासत में लिया गया है. लेकिन अब इस दावे पर ही सवाल उठने लगे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह ये है कि पंजाब सरकार के पास अपने दावे की पुष्टि करने के लिए कोई डॉक्यूमेंटरी प्रूफ नहीं था. इसके अलावा अमेरिका के किसी अधिकारी ने इस बात की पुष्टि नहीं की. यहां तक कि केंद्र सरकार ने भी इस बारे में फिलहाल कुछ नहीं कहा है, जोकि प्रत्यार्पण के बारे में बात करने के लिए अधिकृत अथॉरिटी है.

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इस बीच एक स्वतंत्र यूट्यूब चैनल ने गोल्डी बराड़ होने का दावा करने वाले एक शख्स का इंटरव्यू दिखाया. उसने इंटरव्यू में कहा कि, उसे अमेरिका में गिरफ्तार नहीं किया गया है और वह 'आजाद पंछी' है.

क्विंट ने अमेरिका में विभिन्न स्तरों पर अधिकारियों से बात की, ताकि ये पता लगाया जा सके कि क्या गोल्डी को हिरासत में लिया गया है या उसे गिरफ्तार किया गया है और अगर ऐसा है तो फिलहाल वह कहां है.

इस आर्टिकल में तीन पहलुओं पर बात की जाएगी:

  1. हमें अमेरिकी अधिकारियों से क्या पता चला?

  2. गोल्डी बराड़ होने का दावा करने वाले शख्स ने अपने इंटरव्यू में क्या कहा?

  3. गोल्डी बराड़ की 'हिरासत' या 'गिरफ्तारी' को लेकर कौन से सवाल उठ रहे हैं?

अमेरिकी अधिकारियों ने क्या कहाः

एक भगोड़े विदेशी नागरिक की गिरफ्तारी में संभावित रूप से अमेरिका की कई कानून प्रवर्तन एजेंसियां शामिल हो सकती है, इसलिए हमने फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन फील्ड ऑफिस, फ्रेस्को काउंटी शेरिफ (शुरुआती रिपोर्ट्स में कहा गया था कि उसे फ्रेस्नो में हिरासत में लिया गया था), फ्रेस्नो सिटी पुलिस, सैक्रामेंटो काउंटी शेरिफ, आईसीई डिटेंशन सेंटर्स से संपर्क किया. हमने गोल्डी बरार के कई संभावित नाम बताकर पूछताछ की, जैसे कि सतिंदरजीत सिंह, सतिंदर सिंह, सतविंदर सिंह और गोल्डी बरार.

"उन्हें पिछले कुछ हफ्तों में किसी भारतीय भगोड़े की कथित गिरफ्तारी से जुड़े किसी भी ऑपरेशन या घटना की जानकारी नहीं है और न ही सतिंदरजीत सिंह, या सतविंदर सिंह, या गोल्डी बराड़ को उनकी स्थानीय जेल में रखा गया है."
टोनी बोटी, फ्रेस्नो काउंटी शेरिफ कार्यालय के जन सूचना अधिकारी
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बोटी ने यूएस मार्शल्स फ्यूजिटिव टास्क फोर्स की स्थानीय टीम से पूछा. उस टीम ने भी गिरफ्तारी की ऐसी किसी घटना की जानकारी होने से इनकार किया. यूएस मार्शल ऐसी टीम होती हैं जो देश भर में मौजूद होती हैं, और फेडरल एजेंसियां इनके जरिए फेडरल भगोड़ों को पकड़ती हैं, और फेडरल कैदियों को रखती और उन्हें यहां से वहां लाती-ले जाती हैं.

फ्रेस्नो सिटी पुलिस को भी पिछले कुछ हफ्तों में किसी भारतीय भगोड़े की मौजूदगी या गिरफ्तारी की कोई जानकारी नहीं थी.

सैक्रामेंटो काउंटी शेरिफ के कार्यालय के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट रॉड ग्रासमैन ने कहा, "यह किसी शेरिफ के दायरे में आने वाला मामला नहीं है- इसकी जानकारी के लिए प्राइमरी एजेंसी से संपर्क करें. अगर अमेरिका में नहीं, किसी दूसरे देश में हत्या के मामले में उसकी तलाश की जा रही है तो मेरे ख्याल से प्राइमरी एजेंसी एफबीआई होगी.
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हमने पिछले तीन दिनों तक आईसीई (इमिग्रेशन और कस्टम्स एनफोर्समेंट) के डिटेंशन सेंटर्स में जांच पड़ताल की कि क्या वहां मौजूद कैदियों में से कोई ऊपर दिए गए नामों वाला व्यक्ति है. लेकिन हमें कोई कामयाबी नहीं मिली.

हमने कैलिफोर्निया की कई काउंटियों, जैसे फ्रेस्नो, सैक्रामेंटो, सैन फ्रांसिस्को, मर्सिड, मैडेरा और मारिपोसा के ऑनलाइन इनमेट लोकेटर पर इन नामों की खोज की, लेकिन हमें इन नामों वाला कोई शख्स नहीं मिला.

एक पुलिस अधिकारी ने क्विंट को बताया कि, इलाके में स्थानीय रूप से ऐसी कोई फेडरल फेसिलिटी नहीं है जहां ऐसे मामले में गिरफ्तार अपराधी को रखा जा सके. हां, स्थानीय जेल या आईसीई डिटेंशन सेंटर में उसे रखा जा सकता है, लेकिन उन दोनों जगहों पर कोई सफलता हाथ न लगी.

हमने इलाके की अदालत की ऑनलाइन लिस्टिंग देखी कि क्या ऊपर दिए गए नामों में किसी एक नाम वाले शख्स को जज के सामने लाया गया है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ था. हम फेडरल ब्यूरो ऑफ इनवेस्टिगेशन के सैक्रामेंटो फील्ड ऑफिस गए और वहां ईएफओआईपीए (eFOIP) (सूचना और निजता की स्वतंत्रता एक्ट) के तहत एक अनुरोध किया. संबंधित एफबीआई यूनिट के जन सूचना अधिकारी को एक अनुरोध भी भेजा गया था. फिलहाल हम उनके जवाब के इंतजार में हैं. उनकी प्रतिक्रिया मिलते ही हम अपनी स्टोरी को अपडेट करेंगे.

हमने स्थानीय पंजाबी चैनलों के साथ-साथ फ्रेस्नो और सैक्रामेंटो में कई गुरुद्वारा समितियों से पूछताछ की कि क्या उन्होंने ऐसी किसी गिरफ्तारी के बारे में सुना है. हमने जिन लोगों से बात की, उनमें से किसी ने भी ऐसी किसी गिरफ्तारी या हिरासत के बारे में नहीं सुना था. वैसे, ये उन अथॉरिटीज की पूरी सूची नहीं है, जो ऐसे मामलों में शामिल होती हैं. हम लगातार और लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन अभी तक हमें यही पता चला है.

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'गोल्डी बराड़' ने इंटरव्यू में क्या कहा?

इस बीच एक व्यक्ति, जिसने दावा किया है कि वह गोल्डी बराड़ है, उसने पंजाब में मौजूद एक सीनियर क्राइम जर्नलिस्ट रीतेश लाखी को इंटरव्यू दिया. रीतेश लाखी मूसेवाला मामले पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. गोल्डी बरार होने का दावा करने वाले शख्स ने रीतेश लाखी से कई बातें कहीं. जैसे,

  1. "मैं अच्छा हूं और मुझे गिरफ्तार नहीं किया गया है."

  2. "मैं अमेरिका या कनाडा के किसी शहर में नही हूं. मैं यूरोप में हूं."

  3. "आप मुझे गिरफ्तार हुआ कभी नहीं देखेंगे. मैं गिरफ्तार होने की बजाय मरना पसंद करूंगा."

  4. "पंजाब के मुख्यमंत्री ये कहकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं कि मुझे हिरासत में लिया गया है."

  5. "राजस्थान में (गैंगस्टर) राजू थेठ की हत्या में भी मेरा हाथ था. अगर मुझे अमेरिका में हिरासत में लिया गया होता तो मैं ऐसा कैसे कर सकता था?"

गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के वकील विशाल चोपड़ा ने भी मीडिया से कहा है कि, गोल्डी बराड़ को गिरफ्तार नहीं किया गया है और ये खबर गलत है.

गोल्डी बराड़ बिश्नोई गैंग का मुख्य सदस्य है. हम क्या जानते हैं, हम क्या नहीं जानते?

अमेरिका (America) में किसी भी अथॉरिटी ने कोई पॉजिटिव जवाब नहीं दिया. इससे इस बात की संभावना बनती है कि गोल्डी बराड़ को अमेरिका (America) में गिरफ्तार नहीं किया गया, न ही उसे हिरासत में लिया गया है. हालांकि, हम आधिकारिक रूप से ये कहने की स्थिति में नहीं हैं, जब तक कि हमें एफबीआई से कोई निश्चित जवाब नहीं मिल जाता.

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गोल्डी बराड़ का इंटरव्यू असली हो सकता है, या असली नहीं भी हो सकता है. इंटरव्यू लेने वाले जर्नलिस्ट ने भी यही चेतावनी दी है और अगर ये इंटरव्यू असली हो, तो भी हम इस दावे को सच नहीं मान सकते कि गोल्डी उत्तरी अमेरिका (America) में नहीं है. यह भारतीय अधिकारियों को गुमराह करने की कोशिश हो सकती है. ये भी मुमकिन है कि उसे हिरासत में लेकर छोड़ दिया गया हो.

गोल्डी ने कहा है कि, राजू थेठ की हत्या में उसका हाथ है, लेकिन इस दावे को भी एकदम से सच नहीं माना जा सकता. लॉरेंस बिश्नोई गिरोह एक बड़ा आपराधिक नेटवर्क है और ये जरूरी नहीं है कि बरार हर हत्या में शामिल हो, चाहे कुछ भी दावा किया जा रहा हो.
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असल में पंजाब पुलिस की एक टीम है जो उत्तरी अमेरिका (America) में बरार की कारस्तानियों पर नजर रख रही है. लेकिन ये साफ नहीं है कि उनकी मौजूदा 'गिरफ्तारी/हिरासत' में उस टीम की कोई भूमिका थी. अभी तो ये भी पक्की तौर से नहीं कहा जा सकता कि उसकी गिरफ्तारी हुई भी है या नहीं, या उसे हिरासत में लिया भी गया है.

पंजाब सरकार ने अभी तक अमेरिका में गोल्डी बराड़ की गिरफ्तारी या उसे हिरासत में लिए जाने का कोई डॉक्यूमेंटरी प्रूफ पेश नहीं किया है. अगर उसे गिरफ्तार किया गया है तो इस बात की पुष्टि करने के लिए कोई पहचान संख्या, तस्वीर या डॉक्यूमेंट जरूर होगा. अभी तक पंजाब सरकार ने ऐसा कुछ नहीं दिखाया है.

क्या बराड़ की गिरफ्तारी के संबंध में अमेरिका (America) की किसी एजेंसी ने भारत की केंद्र सरकार से कोई संपर्क किया है? इस बारे में केंद्र ने कुछ नहीं कहा है. सीबीआई (CBI) वह एजेंसी है, जो रेड कॉर्नर नोटिस को कोऑर्डिनेट करती है. बराड़ की कथित गिरफ्तारी के संबंध में अभी तक एजेंसी की ओर से कोई बयान नहीं आया है.

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