हैदराबाद में महिला वेटनरी डॉक्टर की हत्या और कथित बलात्कार मामले में राज्य के गृह मंत्री ने बेतुका बयान दिया है. अपने बचाव में तेलंगाना गृह मंत्री मोहम्मद महमूद अली ने कहा, “पढ़ी लिखी होने के बावजूद पीड़िता ने अपनी बहन को कॉल किया, '100' नंबर पर नहीं, अगर '100' नंबर पर कॉल किया होता तो उसे बचाया जा सकता था.”
घटना पर दुख जताते हुए गृह मंत्री ने कहा, "शादनगर कस्बे में महिला के साथ हुई घटना पर हमें दुख है. अफसोस की बात है कि पढ़ी लिखी होने के बावजूद डॉक्टर ने अपनी बहन को फोन किया. अगर वह 100 नंबर पर कॉल करती, तो पुलिस अलर्ट हो जाती और वह सेफ हो जाती."
राज्य गृह मंत्री ने ये भी दावा किया कि 100 नंबर पर कॉल करने पर 3 से 4 मिनट के भीतर पुलिस मौके पर पहुंच जाती है."
अपने बयान पर विवाद बढ़ने के बाद मंत्री ने सफाई देते हुए कहा, "मैं दुखी हूं. वह मेरी अपनी बेटी की तरह थी. दोषी को कड़ी सजा दी जाएगी. जब मैं उसके माता-पिता से मिला, तो मेरी आंखों से भी आंसू बह निकले."
डॉक्टर ने बहन से कहा था- दीदी मुझे डर लग रहा है
पीड़ित महिला डॉक्टर ने वारदात से पहले अपनी बहन को फोन किया था. डॉक्टर की बहन ने बताया कि अगवा होने से पहले बहन ने फोन करके बताया था कि उसे डर लग रहा है. जब बहन ने कहा कि वह टॉल प्लाजा पर चली जाए और वहां से कैब पकड़कर घर आ जाए, तो डॉक्टर ने बहन से कहा कि वह टोल प्लाजा के पास नहीं जाना चाहती क्योंकि फिर वहां हर कोई उसकी तरफ देखेगा.
डॉक्टर ने बहन से कहा कि वह उन्हें थोड़ी देर बाद फोन करेगी. लेकिन जब थोड़ी देर बाद बहन ने फोन किया, तो फोन स्विच ऑफ जा रहा था.
क्या है पूरा मामला?
साइबराबाद पुलिस के मुताबिक, गुरुवार को वेटनरी डॉक्टर रात करीब 8 बजे बाद पीड़िता क्लीनिक से घर लौट रही थी. रास्ते में उसकी टू-व्हीलर का टायर पंक्चर हो गया. उसने अपनी बहन को कॉल किया, जिसने टू व्हीलर टोल प्लाजा पर छोड़ देने और कैब लेकर घर पहुंचने की सलाह दी. लेकिन इस बीच, दो युवकों ने उसके पास पहुंच कर उसकी गाड़ी ठीक करा देने की बात कही.
थोड़ी देर बाद युवक लौटे और उसे तोंडुपल्ली टोल प्लाजा से 50 मीटर दूर खींच कर सड़क के किनारे लगे ट्रकों के पीछे झाड़ियों में ले गए. वहां उसकी हत्या की और फिर लाश एक अंडर-कंस्ट्रक्शन ब्रिज के नीचे ले जाकर जला दी. पुलिस के मुताबिक महिला के इनरवियर 100 मीटर दूर पड़े मिले. पुलिस को शक है कि उस पर यौन हमला हुआ था.
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