लखीमपुर खीरी (Lakhimpur Kheri) के तिकुनिया (Tikunia) में हुए हिंसक मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी (SIT) सोमवार 3 जनवरी को कोर्ट में पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है. 3 अक्टूबर को तिकुनिया में हुई हिंसा के दौरान चार किसानों और एक पत्रकार सहित आठ लोगों की जान चली गई थी.
तिकुनिया हिंसा से जुड़ी चार्जशीट दाखिल की गई है. इसके तहत केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा (Ashish Mishra) मुख्य आरोपी हैं. फिलहाल आशीष सहित 13 आरोपियों को जेल में बंद रखा है.
वरिष्ठ अभियोजन अधिकारी एस.पी यादव के मुताबिक, चार्जशीट में एक नया नाम वीरेंद्र शुक्ला का जोड़ा गया है. वीरेंद्र पर धारा 201 के तहत सबूत मिटाने की साजिश का आरोप है. वहीं बताया गया है कि वीरेंद्र केंद्रीय मंत्री का रिश्तेदार है.
5 हजार पन्ने की चार्जशीट को बंद पेटी में ले जाया गया इसके साख पेन ड्राइव, DVD भी साथ में दाखिल की गई है.
इस मामले में 7 अक्टूबर से गिरफ्तारियां शुरू हुई थी और मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को 10 अक्टूबर को गिरफ्तार किया गया था.
किसान पक्ष के एडवोकेट मोहम्मद आमान ने कहा, SIT की जांच ठीक से नहीं हुई
उधर किसान पक्ष के एडवोकेट मोहम्मद आमान ने बताया कि जिन लोगों के खिलाफ एसआईटी ने चार्जशीट फाइल की है उसमें सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी का नाम नहीं है.
उन्होंने कहा कि, "जब हमने इस मामले में एफआईआर दर्ज की थी तब अजय मिश्रा का नाम भी दिया था साथ ही चार्जशीट में उनका नाम नामजत करने के लिए भी कहा था लेकिन आज जो चार्जशीट दाखिल हुई है उसमें उनका नाम नहीं है हमें लगता है जांच ठीक से नहीं हुई."
आगे उन्होंने बताया कि तीन महीने से चली आ रही जांच से हम सहमत नहीं है. घटना में उजय मिश्रा की थार गाड़ी थी, उनकी भूमिका थी और कुछ बयान भी थे लेकिन उनको चार्जशीट में नामजत नहीं किया गया. अब हमें फिर से ठीक से जांच के लिए कहना पड़ेगा.
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