एक ऐसा गैंग जो लोगों को रेप केस में फंसाता था और पैसे वसूलता था. गैंग में एक पूरी पुलिस चौकी शामिल थी. नोएडा पुलिस ने जब इस गैंग का खुलासा किया तो जिसने सुना वो दंग रह गया. एक क्रिमिनल जो ब्लैंकमेलिंग के आरोप में जेल से जमानत पर बाहर है, वो नोएडा सेक्टर-44 पुलिस चौकी इंचार्ज के साथ मिलकर बेगुनाहों को अपना शिकार बनाता था.
नोएडा पुलिस ने ये भी खुलासा किया है कि गैंग में शामिल लोगों में वसूली के पैसों का बंटवारा कैसे होता था. यानी किसे कितना पैसा मिलता था और इन लोगों ने कितने लोगों को लूटा था.
20 लोगों से वसूले 6 लाख रुपये
रिपोर्ट्स के मुताबिक, ये गैंग अब तक 20 लोगों से छह लाख रुपये की वसूली कर चुका है. एक कार चालक से 20,000 से 50,000 रुपये तक लूटे जाते थे. अब तक तीन लोग, इस गैंग के खिलाफ शिकायत दर्ज करा चुके हैं.
बेगुनाहों को ऐसे फंसाया जाता था..
- गैंग में शामिल महिला सेक्टर-44 पुलिस क्षेत्र में रात 9 से 11 बजे के बीच खड़ी होती थी. कार चालक को कोई मजबूरी बताकर उनसे लिफ्ट लेती थी.
- कुछ दूर जाने के बाद सड़क पर खड़ी पुलिस की पीसीआर के पास कार रुकवाती थी और शोर मचाने लगती थी. पीसीआर पर तैनात पुलिसकर्मी से कार चालक के खिलाफ रेप करने का आरोप लगाती. पुलिसकर्मी उन दोनों को सेक्टर-44 स्थित पुलिस चौकी ले जाते थे.
- पुलिस चौकी में एक कथित वकील पहले ही मौजूद होता था. चौकी इंचार्ज चालक पर केस दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी देता, जबकि अन्य लोग महिला का समर्थन करने के लिए चौकी पर मौजूद होते.
- पीड़ित के काफी डर जाने के बाद एक युवक दोनों के बीच सुलह कराने के लिए आ जाता था. पीड़ित जेल जाने से बचने के लिए रुपये देने के लिए तैयार हो जाता था
- अगर पीड़ित तुरंत रुपये देने के लिए तैयार हो जाता, तो उसे छोड़ दिया था. अन्यथा उसकी कार कब्जे में ले ली जाती थी. पैसे मिलने के बाद कार छोड़ देते.
कौन-कौन गैंग में शामिल
नोएडा पुलिस ने इस मामले में कुल 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एक चौकी इंचार्ज, तीन कांस्टेबल, तीन पीसीआर ड्राइवर, दो महिलाएं और 6 अन्य लोग शामिल हैं.
- सेक्टर-44 चौकी इंचार्ज सुनील शर्मा
- कांस्टेबल मनोज
- कांस्टेबल अजयवीर
- कांस्टेबल देवेंद्र
- पीसीआर ड्राइवर विपिन सिंह
- पीसीआर ड्राइवर दुर्गेश कुमार
- पीसीआर ड्राइवर राजेश कुमार
- मास्टरमाइंड- अंकित उर्फ सतीश
- कार चालक को ब्लैकमेल करने वाली युवती विनीता और पूजा
- अनूप, सलीम, सुरेश कुमार, हरि ओम, देशराज
गैंग के किस मेंबर को मिलता था कितना पैसा
मास्टरमांइड अंकित इस पूरी वारदात की साजिश रचता था. वही कार चालक को फंसाने के लिए लड़की का इंतजाम करता था. मिशन सफ होने के बाद वसूल किए गए रुपये में से अंकित खुद 30 पर्सेंट पैसा लेता था. केस दर्ज करने और जेल भेजने की धमकी देने वाला चौकी इंचार्ज 40 पर्सेंट पैसा लेता था. कथित चेयरमैन की भूमिका निभाने वाला देशराज का 10 पर्सेंट हिस्सा होता था और बाकी पैसा अन्य लोगों में बंट जाता था.
मास्टरमाइंड ब्लैकमेलिंग में पहले भी जा चुका जेल
कार चालकों से लिफ्ट लेकर उनसे मोटी उगाही करने के आरोप में नोएडा पुलिस ने एक सब इंस्पेक्टर और तीन कांस्टेबल समेत 15 लोगों को गिरफ्तार किया है. गैंग का मास्टरमाइंड अंकित नाम का एक शख्स था, जिसपर पहले से ही कई आपराधिक मामले हैं. अंकित, उसकी पत्नी विनीता और गैंग में शामिल दूसरी महिला पूजा पहले भी ऐसे ही ब्लैकमेलिंग के मामले में जेल जा चुके हैं. साल 2014 और 2017 में उनपर ब्लैकमेलिंग का केस दर्ज हुआ था. सभी आरोपी जमानत पर बाहर थे.
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