जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ नेता चंद्रकांत शर्मा की गोली मारकर हत्या कर दी गई. हमले में शर्मा के पर्सनल सिक्योरिटी ऑफिसर (PSO) की भी मौत हो गई. चंद्रकांत शर्मा ने जम्मू-कश्मीर में स्वास्थ्य विभाग में काम करते हुए आतंकवाद को कम करने में भी एक्टिव भूमिका निभाई थी.
हत्यारों के निशाने पर चंद्रकांत शर्मा ही थे, उन्हें कई गोलियां लगी हैं. गोली चलाने वाले अज्ञात लोग मौके से शर्मा के पीएसओ की बंदूक लेकर भी फरार हो गए. अभी तक किसी ने हमले की जिम्मेदारी नहीं ली है.
जम्मू के आईजीपी मनीष कुमार सिन्हा ने क्विंट को बताया कि चंद्रकांत शर्मा को जिला अस्पताल के गेट पर गोली मारी गई.
सिन्हा ने बताया, ‘‘चंद्रकांत शर्मा को पेट में गोली मारी गई और उनका ऑपरेशन किश्तवाड़ के जिला अस्पताल में ही हुआ. वो अभी गंभीर हालत में हैं लेकिन उनके पीएसओ की मौके पर ही मौत हो गई.’’
इस बयान के बाद खबर आई की शर्मा की गोली लगने के कारण मौत हो गई.
कर्फ्यू
इस हमले के बाद आईजीपी ने इलाके में लॉ एंड ऑर्डर की स्थिति बरकरार रखने के लिए कर्फ्यू लगा दिया. इससे पहले जिला अस्पताल के बाहर बीजेपी और संघ के कार्यकर्ताओं ने इकट्ठा हो कर धरना शुरू कर दिया था.
चश्मदीदों का क्या है कहना?
चश्मदीदों के मुताबिक, पठानी सूट पहने दो अज्ञात लोगों ने चंद्रकांत शर्मा पर करीब 12:30 बजे हमला किया. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, शर्मा ने चेनाब घाटी में आर्म्ड इनसर्जेंसी के खिलाफ लड़ने में पुलिस की काफी मदद की थी. इससे पहले 2 नवंबर 2018 को बीजेपी नेता अनिल परिहार और उनके भाई अजीत परिहार की भी गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
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