बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव ने ब्रेंट-इंडेक्स्ड कच्चे तेल की कीमतों को 95 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंचा दिया, जो कई वर्षो में सबसे अधिक है। इसी तरह, कॉमेक्स पर हाजिर सोने की कीमतों के साथ सोने की कीमतें बढ़कर 1,900 डॉलर प्रति औंस हो गईं।
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा यूक्रेन के भीतर दो अलगाववादी क्षेत्रों में सैनिकों की तैनाती का आदेश किए जाने के बाद कीमतों में वृद्धि शुरू हो गई। सोमवार को रूस ने दो अलगाववादी क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता दी। इस कदम ने यूक्रेन और रूस को सैन्य संघर्ष के करीब ला दिया है।
दुनिया में रूस कच्चे तेल और सोने के शीर्ष उत्पादकों में से एक है और इसके खिलाफ कोई भी पश्चिमी प्रतिबंध वैश्विक आपूर्ति को प्रभावित करेगा। इससे भारत भी प्रभावित होगा, जो कच्चे तेल और सोने की जरूरतें पूरी करने के लिए आयात पर निर्भर है।
कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि से घरेलू कीमतों में तेजी आ सकती है, जिससे मुद्रास्फीति बढ़ सकती है।
एआईआईएफएल सिक्योरिटीज (रिसर्च) के वाइस प्रेसीडेंट अनुज गुप्ता ने कहा, भू-राजनीतिक तनाव के कारण सोने और कच्चे तेल की कीमतें सकारात्मक नोट पर कारोबार कर रही हैं।
उन्होंने कहा, हम उम्मीद कर रहे हैं कि सोने और कच्चे तेल की कीमतें और बढ़ सकती हैं .. सोने की कीमतें 1,950 से 2,000 डॉलर तक और कच्चे तेल की कीमतें जल्द ही 100 से 105 डॉलर के स्तर आ सकती हैं।
--आईएएनएस
एसजीके/एएनएम
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