नयी दिल्ली। लोकसभा चुनाव के सातवें और अंतिम चरण में केन्द्र शासित क्षेत्र चंडीगढ़ और सात राज्यों की 59 सीटों पर शाम पांच बजे तक 61 प्रतिशत मतदान हुआ। पिछले छह चरण की तुलना में मतदान का यह सबसे कम प्रतिशत है।
उप चुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने बताया कि मतदान की अवधि शाम छह बजे तक होने के कारण मत प्रतिशत के आंकड़ों में बदलाव संभव है। सभी सात चरणों का चुनान संपन्न होने के साथ ही चुनाव मैदान में उतरे 8049 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला ईवीएम में कैद हो गया। इसका खुलासा आगामी 23 मई को मतगणना के बाद हो सकेगा।
उल्लेखनीय है कि सात चरण के चुनाव में लोकसभा की 543 सीटों में से 542 सीट पर मतदान हो चुका है। तमिलनाडु की वेल्लोर सीट पर मतदान में गड़बड़ी की आशंका की शिकायतों के मद्देनजर मतदान स्थगित कर दिया गया था। सिन्हा ने बताया कि अभी वेल्लोर सीट पर मतदान की तिथि निर्धारित नहीं की गयी है।
पिछले छह चरण के मतदान संबंधी आंकड़ों के मुताबिक पहले दो चरण में मतदान का स्तर सर्वाधिक था। पहले चरण में 69.61 प्रतिशत और दूसरे में 69.44 प्रतिशत मतदान हुआ।
इसके बाद के प्रत्येक चरण में मत प्रतिशत घटने का सिलसिला सातवें चरण तक जारी रहा। सिन्हा ने बताया कि तीसरे चरण में 68.4 प्रतिशत, चौथे में 65.5 प्रतिशत, पांचवें में 64.16 प्रतिशत और छठे चरण में 64.4 प्रतिशत मतदान हुआ।
छह चरण में 483 सीटों पर मतदान का कुल प्रतिशत 67.37 रहा। यह 2014 के चुनाव की तुलना में 1.21 प्रतिशत ज्यादा है।
सातवें चरण में शामिल राज्यों के मत प्रतिशत के लिहाज से शाम पांच बजे तक पश्चिम बंगाल की नौ सीटों पर सबसे ज्यादा 73.05 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया। वहीं बिहार और उत्तर प्रदेश में मतदान का स्तर कम रहा। शाम साढ़े पांच बजे तक बिहार की आठ सीटों पर 50.86 प्रतिशत और उत्तर प्रदेश की 13 सीटों पर 53.19 प्रतिशत मतदान हुआ।
इसके अलावा शाम पांच बजे तक मध्य प्रदेश की आठ सीटों पर 68.98 प्रतिशत, हिमाचल प्रदेश की चार सीटों पर 64.36 प्रतिशत, पंजाब की 13 सीटों पर 58.75 प्रतिशत, झारखंड की तीन सीटों पर 70.39 प्रतिशत, और चंडीगढ़ सीट पर 63.57 प्रतिशत मतदान हुआ।
भाषा
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