दिल्ली पुलिस (Delhi Police) ने चीन के नागरिकों से सीधा संबंध रखने वाले धोखेबाजों और वसूली करने वालों के एक अंतर्राष्ट्रीय गिरोह का पर्दाफाश करके आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। यह गिरोह संगठित स्तर पर करोड़ों रुपये की उगाही कर चुका है।
दिल्ली पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) के.पी.एस. मल्होत्रा ने रविवार को आईएएनएस को बताया कि इस गिरोह में शामिल आठ लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों से गिरफ्तार किया गया है। गिरफ्तार लोगों में एक भारतीय नागरिक भी है।
वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, गहन तकनीकी विश्लेषण से पता चला कि यह गिरोह पीड़ितों के फोन को हैक करके उनके व्यक्तिगत डाटा तक पहुंच बना लेता था। इसके बाद वे इसी व्यक्तिगत डाटा के आधार पर वसूली करते थे। यहां तक कि इस गिरोह ने महिलाओं को भी निशाना बनाया। ये महिलाओं की तस्वीरों को मॉर्फ करके उनसे भी वसूली करते थे।
डीसीपी मल्होत्रा ने कहा, आधिकारिक तौर पर पता चला है कि इस तरह की धोखाधड़ी और रंगदारी से 8.25 करोड़ वसूले गए, जो एक आरोपी के खाते में मिले हैं। ऐसे 25 अन्य खातों की पहचान की गई है।
उन्होंने बताया कि यह गिरोह जिस एप्लिकेशन के जरिये मोबाइल फोन को हैक करता था और क्रिप्टाकरेंसी के माध्यम से जो मनी लॉड्रिंग हो रही थी, उसका मास्टरमाइंड चीन का है। इस गिरोह द्वारा उगाहे गए पैसे क्रिप्टो के माध्यम से चीन, हांगकांग और दुबई में चीन के नागरिकों के खाते में भेजे जाते थे। विभिन्न देशों से ऑपरेट करने वाले चीन के तीन नागरिकों को चिह्न्ति किया गया है।
पुलिस ने 16 डेबिट कार्ड, 22 चेकबुक और 26 पासबुक जब्त करने के अलावा 25 से अधिक बैंक खातों को भी फ्रीज कर लिया है, जिनमें 11 लाख रुपये से अधिक राशि जमा थी।
डीसीपी मल्होत्रा ने कहा कि अभी और खुलासे हो रहे हैं, यह सिर्फ शुरुआत है।
इन जालसाजों ने ठगी के पैसे से तीन कारें - एक अर्टिगा, एक फॉर्च्यूनर और एक क्रिस्टा इनोवा खरीदी थी, जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।
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