राय ने कहा, आज हमने विभिन्न विभागों के साथ एक संयुक्त बैठक की जिसमें हमने प्रदूषण के खिलाफ अपनी लड़ाई को मजबूत करने के लिए पांच निर्णय लिए। दिल्ली में प्रदूषण के प्रमुख स्रोत धूल कण पदार्थ, वाहन उत्सर्जन, खुले में कचरा जलाने और पराली जलाने में असमर्थ हैं। पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने पर नियंत्रण है, लेकिन हम अपने राज्य में खुली आग से निकलने वाले प्रदूषण को नियंत्रित कर सकते हैं, जिसके लिए हमने खुले में जलाने के खिलाफ अभियान चलाने का फैसला किया है।
राय ने संबंधितों के साथ संयुक्त बैठक के बाद कहा, राजधानी में खुली आग की घटनाओं की निगरानी के लिए कुल 550 टीमों का गठन किया गया है। इनमें से 304 को सुबह और 246 को शाम को दिल्ली की सड़कों पर तैनात किया जाएगा।
डीपीसीसी, एमसीडी, डीडीएमसी, डीडीए, डीसीबी, विकास, राजस्व एवं सिंचाई एवं बाढ़ विभाग समेत दस विभाग इस अभियान को चलाएंगे।
मंत्री ने लोगों से ग्रीन दिल्ली ऐप पर खुली आग के संबंध में शिकायत दर्ज करने का भी आग्रह किया।
बताया गया कि धूल विरोधी अभियान का पहला चरण डीपीसीसी इंजीनियरों की 17 टीमों और ग्रीन मार्शल की 14 टीमों द्वारा चलाया गया।
--आईएएनएस
एसजीके
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