नजीब अहमद को जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी कैंपस से गायब हुए सात महीने से ज्यादा समय हो गया है. अब दिल्ली हाईकोर्ट ने नजीब अहमद की जांच का मामला सीबीआई को सौंप दिया है. अभी तक इस मामले की जांच की जिम्मेदारी दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच पर थी, जिसपर हाईकोर्ट ने असंतोष जाहिर किया है.
इससे पहले शुक्रवार को भी दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की जांच पर सवाल उठाए थे. कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की जांच रिपोर्ट में प्रगति को खारिज कर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि ऐसा लग रहा है जैसे दिल्ली पुलिस नजीब अहमद की जांच से बच निकलना चाहती है, पुलिस जांच के नाम पर कुछ नहीं कर रही है. वो सिर्फ अंधेरे में तीर चला रही है.
क्या है मामला ?
नजीब अहमद दिल्ली के जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी, स्कूल ऑफ बायोटेक्नोलॉजी का स्टूडेंट है. वह 14 अक्टूबर की रात से जेएनयू के हॉस्टल माही-मांडवी से लापता है. नजीब के लापता होने से एक रात पहले कैंपस में उसका झगड़ा हुआ था.
बताया जा रहा है कि हॉस्टल मेस कमेटी के चुनाव के लिए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के सदस्य हॉस्टल में जाकर चुनाव प्रचार कर रहे थे, तभी नजीब और एबीवीपी के लोगों के बीच-कहा सुनी हो हुई थी. झगड़े के दूसरे दिन से नजीब लापता है.
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