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JEE-NEET पर बोले शिक्षा मंत्री- ‘छात्रों और अभिभावकों का था दबाव’

निशंक ने कहा- हम छात्र के साथ हैं, पहले उसकी सुरक्षा, उसके बाद उसकी शिक्षा

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कोरोना वायरस संकट के बीच JEE-NEET परीक्षाएं कराए जाने को लेकर उठ रहे सवालों पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने जवाब दिया है.

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शिक्षा मंत्री ने डीडी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा, ‘’बहुत अभिभावकों और छात्रों का लगातार हम पर दबाव रहा कि आप NEET की परीक्षा क्यों नहीं करा रहे हैं, आप JEE की परीक्षा क्यों नहीं करा रहे हैं? अभिभावक इतने परेशान थे कि बच्चा कब तक पढ़ता रहेगा, क्या होगा आगे, इसका तो कोई समय होना चाहिए.’’

निशंक ने कहा, ''हम लोगों ने, जब परिस्थितियां थीं तो एक बार थोड़ा सा पीछे किया, दूसरी बार पीछे किया, क्योंकि ऐसी परिस्थितियां थीं कि लोग तैयार भी नहीं थे. इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम मानते हैं कि महामारी की स्थिति है, लेकिन अंततः जीवन जीना है और छात्रों के भविष्य को लंबे समय तक संकट पर नहीं रखा जा सकता और उनका पूरा अकादमिक साल बर्बाद नहीं किया जा सकता.''

उन्होंने कहा कि परीक्षाएं कराए जाने को लेकर ''एक तरफ छात्रों का दबाव था कि हमारा एक साल चौपट हो जाएगा और दूसरी तरफ अभिभावकों का भी.''

इसके अलावा शिक्षा मंत्री ने कहा,

  • ''NTA ने दो बार तिथियां पीछे कीं और NTA के DG ने मुझे सूचना दी है कि JEE के लिए 8.58 लाख छात्रों ने अपना रजिस्ट्रेशन किया था और उसमें से कल तक (इंटरव्यू से एक दिन पहले तक) 7.25 लाख छात्रों ने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिया था.''
  • ''परीक्षा के केंद्र भी बढ़ाए गए हैं. एक केंद्र में मुश्किल से 100-150 बच्चे आएंगे. उन केंद्रों को लेकर, 99 फीसदी बच्चों की जो प्राथमिकता थी कि मुझे ये केंद्र चाहिए, उन्हें उस केंद्र को दिया गया है, इस बीच केवल 450 बच्चों का अभी ये निवेदन आया कि परिस्थितियां हमारे अनुरूप हो जाएं तो हमारे लिए केंद्र बदलकर यहां कर दें. NTA उसके लिए भी तैयार है.''

निशंक ने कहा, ''एक-एक विषय पर गौर किया जाएगा. हम छात्र के साथ हैं, पहले उसकी सुरक्षा, उसके बाद उसकी शिक्षा. सुप्रीम कोर्ट का भी हमको सम्मान करना है.''

NTA की तरफ से जारी सूचना के मुताबिक, JEE मेन अप्रैल, 2020 की परीक्षा एक से छह सितंबर के दौरान होगी, जबकि NEET UG की परीक्षा 13 सितंबर को होगी.

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