कोरोना महामारी को देखते हुए पूरे देश में छात्रों से लेकर नेता और सोशल एक्टिविस्ट डिकल और इंजीनियरिंग के एंट्रेंस एग्जाम यानी JEE और NEET को फिलहाल स्थगित करने की मांग कर रहे हैं. लेकिन इसी बीच भारत और विदेशों के अलग-अलग यूनिवर्सिटी के 150 से ज्यादा शिक्षाविदों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर कहा है कि JEE-NEET में अगर और देरी हुई तो छात्रों के भविष्य पर असर पडे़गा.
कुछ लोग चला रहे राजनीतिक एजेंडा
कोरोना के बढ़ते मामलों की वजह से सितंबर में इन एग्जाम के खिलाफ हो रहे विरोध का जिक्र करते हुए एकेडमिशियन ने अपने चिट्ठी में कहा,
“कुछ लोग अपने राजनीतिक एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं. युवा और छात्र राष्ट्र का भविष्य हैं, लेकिन कोरोना वायरस महामारी की वजह से उनके करियर पर अनिश्चितताओं के बादल छा गए हैं. प्रवेश और कक्षाओं के बारे में बहुत सारी आशंकाएं हैं जिनका जल्द से जल्द समाधान करने की जरूरत है.”
"अगर नहीं हुआ एग्जाम तो बर्बाद होगा साल"
चिट्ठी में एग्जाम में देरी या नहीं होने पर भी चर्चा की गई है. चिट्ठी में लिखा है,
“हर साल की तरह इस साल भी लाखों छात्रों ने 12वीं की परीक्षाएं दी हैं और अब एंट्रेंस एग्जाम का इंतजार कर रहे हैं. परीक्षा आयोजित करने में किसी भी तरह की देरी से छात्रों का कीमती साल बर्बाद हो जाएगा. हमारे युवाओं और छात्रों के सपनों और भविष्य के साथ किसी भी कीमत पर समझौता नहीं किया जा सकता है. हालांकि, कुछ लोग बस अपने राजनीतिक एजेंडे को चलाने और सरकार का विरोध करने के लिए हमारे छात्रों के भविष्य के साथ खेलने की कोशिश कर रहे हैं.”
चिट्ठी पर साइन करने वालों में आईआईटी दिल्ली, दिल्ली यूनिवर्सिटी, जेएनयू, बीएचयू, इग्नू, लखनऊ यूनिवर्सिटी और लंदन यूनिवर्सिटी, कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, हिब्रू यूनिवर्सिटी ऑफ यरुशलम और इजराइल के बेन गुरियन यूनिवर्सिटी के भारतीय एकेडमिशियन शामिल हैं.
कब है JEE-NEET एग्जाम?
बता दें कि JEE मेन की परीक्षाएं 1 से 6 सितंबर के बीच आयोजित कराई जाएंगी. वहीं, JEE एडवांस्ड की परीक्षा 27 सितंबर और NEET (UG) 2020 की परीक्षा 13 सितंबर को होगी.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)