National Mathematics Day 2020: हर साल 22 दिसंबर को भारत के महान गणितज्ञ रामानुजन के जन्मदिन पर गणित दिवस मनाया जाता है. 1887 में जन्में रामानुजन ने गणित के क्षेत्र में अपना योगदान दिया है.
साल 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह ने 22 दिसंबर को रामानुजन की 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की थी. तभी इस दिन को गणित दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की गई और अब पूरे देश में हर साल 22 दिसंबर को गणित दिवस के रूप में मनाया जाता है.
श्रीनिवास रामानुजन का जन्म तमिलनाडु के इरोड (Erode) में एक तमिल ब्राह्मण अयंगर परिवार में हुआ था. रामानुजन 1903 में कुंभकोणम के सरकारी कॉलेज में शामिल हुए. कॉलेज में, गैर-गणित विषयों के लिए उनकी लापरवाही के कारण वह परीक्षा में असफल रहे.
साल 1912 में, उन्होंने मद्रास पोर्ट ट्रस्ट में एक क्लर्क के रूप में काम करना शुरू किया, जहां उनके गणितीय ज्ञान को एक सहकर्मी ने मान्यता दी जो गणितज्ञ भी थे. उक्त सहकर्मी ने रामानुजन को प्रोफेसर जीएच हार्डी, ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय (Trinity College, Cambridge University) के लिए भेजा.
प्रथम विश्व युद्ध शुरू होने से कुछ महीने पहले रामानुजन ट्रिनिटी कॉलेज में शामिल हुए. साल 1916 में, उन्होंने बैचलर ऑफ साइंस (बीएससी) की डिग्री प्राप्त की. वे 1917 में लंदन मैथमेटिकल सोसाइटी के लिए चुने गए.
अगले साल, उन्हें एलीप्टिक फ़ंक्शंस और संख्याओं के सिद्धांत पर अपने शोध के लिए रॉयल सोसाइटी का फ़ेलो चुना गया. उसी वर्ष, अक्टूबर में, वह ट्रिनिटी कॉलेज के फेलो चुने जाने वाले पहले भारतीय बन गए. 1919 में रामानुजन भारत लौट आए और एक साल बाद उन्होंने 32 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली.
गणित दिवस का महत्व
गणित दिवस मनाने के पीछे मुख्य उद्देश्य लोगों में मानवता के विकास के लिए गणित के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. देश की युवा पीढ़ी के बीच गणित सीखने के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण को प्रेरित करने, उत्साहित करने और विकसित करने के लिए कई पहल की जाती हैं.
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